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नाग पंचमी विशेष : काल सर्प दोष है या नहीं ,जाने उपाय

धर्मशास्त्र Published by: Paliwalwani Updated Fri, 13 Aug 2021 11:27 AM
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श्रावण मास भगवान शिव का अतिप्रिय महीना होता है। इसलिए इस माह की पूजा-पाठ, भक्ति के लिए सबसे खास माना जाता है। इस समय देश के सभी शिवालयों में भक्‍तों की अच्‍छी खासी भीड़ भी देखी जा सकती है। इसी महीने में शिव जी द्वारा गले में धारण किए जाने वाले नाग की पूजा का भी सबसे बड़ा पर्व नाग पंचमी भी मनाया जाता है। सावन महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग देवता की पूजा की जाती है, उन्‍हें प्रसन्‍न करने के लिए व्रत किया जाता है. इस साल नाग पंचमी 13 अगस्‍त शुक्रवार को है।

जिन व्यक्तियों की जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष हो या जिनके हाथ से जाने-अनजाने सर्प की हत्या हुई हो, उनके जीवन में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव आते हैं। 

कालसर्प दोष के कुछ सामान्य लक्षण 

  • जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होगा उसे सपने में नदी, तालाब, कुएं, और समुद्र का पानी दिखाई देता है।
  • जिन्हें कालसर्प होता है उन्हें रात को उल्टा होकर सोने पर ही चैन की नींद आती है।
  • जिन्हें कालसर्प दोष होता है उन्हें सपने में मकान अथवा पेड़ों से फल आदि गिरते दिखाई देता है।
  • कालसर्प दोष वालों को पानी और अधिक ऊंचाई से डर लगता है।
  • कालसर्प दोष वाले जातक अक्सर सपने में खुद को दूसरे लोंगो से लड़ते झगड़ते हुए देखते हैं।
  • जिसे कालसर्प दोष होगा और यदि वह संतानहीन हो तो उसे किसी स्त्री के गोद में मृत बालक दिखाई देता है।
  • उन्हें नींद में अपने शरीर पर साप रेंगता हुआ महसूस होता है।
  • कालसर्प से पीड़ित जातकों का मन श्रावन के महिने हमेशा प्रसन्न रहता है।

धर्म-पुराणों में 12 देव नागों- अनंत, वासुकि, शेष, पद्मनाभ, कंबल, कर्कोटक, अश्वतर, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक, कालिय और पिंगल का उल्‍लेख किया गया है। व्‍यक्ति को हर महीने इनमें 12 देव नागों में से एक-एक की पूजा करनी चाहिए, इससे उसकी जिंदगी में पैसा, संतान सुख आदि आता है. साथ ही उसका सांपों से डर भी दूर होता है! 

काल सर्प दोष के अलावा भी नागों का कुंडली से गहरा संबंध होता हैजिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु की स्थिति ठीक न हो, उन्‍हें नाग देवता की पूजा करनी चाहिए, इससे बहुत राहत मिलती है। इसके अलावा कुंडली में सभी 9 ग्रहों के लिए एक-एक प्रतिनिधि नाग देव बताए गए हैं. जैसे- सूर्य का अनंत नाग, चंद्रमा का वासुकि, भौम का तक्षक, बुध का कर्कोटक, वृहस्पति का पद्म, शुक्र का महापद्म और शनि का कुलिक व शंखपाल. ऐसे में इन नाग देवों की पूजा करने से बहुत लाभ होता है।

कुंडली के किसी भी ग्रह को मजबूत करने के लिए उपाय करने से वह ग्रह शुभ फल देने लगता है और उसका नकारात्‍मक असर दूर होता है ऐसे में जिन जातकों की कुंडली में ऐसे दोष हैं, वे विशेषज्ञ से सलाह लेकर नाग पंचमी के दिन उचित उपाय कर सकते हैं, इससे उनकी जिंदगी में सुख-समृद्धि आएगी।

 

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