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चाणक्य कहते है, ऐसे लोगों का तुरंत छोड़ दे साथ, वरना हो सकता है नुकसान

धर्मशास्त्र Published by: Paliwalwani Updated Fri, 03 Sep 2021 09:03 PM
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चाणक्य कहते है, ऐसे लोगों का तुरंत छोड़ दे साथ, वरना हो सकता है नुकसान
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चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अपनी संगत बेहतर बनानी चाहिए. जिस व्यक्ति की संगत ठीक नहीं होती है, उसे आगे चलकर गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गलत संगत, व्यक्ति के जीवन को भी तबाह भी  कर सकती है. इसीलिए शास्त्रों में भी विद्वानों ने कहा कि व्यक्ति को दो चीजों से हमेशा बचकर रहना चाहिए. पहली गलत आदतें और दूसरा गलत संगत.

चाणक्य कहते हैं कि अच्छी संगत गुणों के आधार पर बनती है. व्यक्ति जिस तरह का होता है, उसके आसपास उसी तरह के व्यक्ति होते हैं. चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति के बारे में यदि जानना है तो उसके मित्रों को देख लें, व्यक्ति के स्वभाव और चरित्र का अंदाजा लग जाएगा. इसीलिए व्यक्ति को अपनी संगत को लेकर हमेशा सतर्क और सावधान रहना चाहिए. जो इस बात का ध्यान नहीं रख पाते हैं, उन्हें आगे चलकर जीवन में परेशानी, बाधा, संकट, अपयश और आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जीवन में इन दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए आचार्य चाणक्य की इन बातों को जीवन में उतार लेना चाहिए-

मित्रता

चाणक्य नीति कहती है कि मित्रता करते समय व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. हाथ मिलें और दिल न मिले तो ये परेशानी का कारण भी बन सकता है. इसलिए मित्रता करते समय व्यक्ति के गुण-अवगुणों के बारे में भी जान लेना चाहिए.

स्वार्थी

चाणक्य नीति कहती है कि स्वार्थी व्यक्ति सदैव अपना भला सोचता है. ऐसे व्यक्ति को जान लेने के बाद तुरंत किनारा कर लेना ही उचित होता है. नहीं तो ऐसे व्यक्ति कभी भी गंभीर हानि पहुंचा सकते हैं.

 

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