हिमाचल प्रदेश में बीते लंबे समय से टॉयलेट को लेकर विवाद हो रहा है। इसको लेकर सुक्खू सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी। इसी बीचनगर निगम ने पब्लिक टॉयलेट्स पर शुल्क लगाने की तैयारी कर ली है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर ये नियम लागू हो जाता है तो हिमाचल टॉयलेट के लिए पास लगाने वाला पहला राज्य बन जाएगा। इस नियम के तहत शिमला के दुकानदारों को टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए पास जारी किया जाएगा।
शिमला नगर निगम टॉयलेट उपयोग करने पर केवल महिलाओं से 5 रुपये शुल्क के तौर पर लिए जाते थे। लेकिन पुरुषों के टॉयलेट जाने पर कोई भी शुल्क नहीं देना होता था। जिसको लेकर हिमाचल हाई कोर्ट ने आदेश शिमला नगर निगम को फटकार लगाते हुए कहा कि केवल महिलाओं से शुल्क लेकर लिंग के आधार पर भेदभाव क्या किया जा रहा है।
हाई कोर्ट ने नगर निगम से कहा कि शिमला शहर में केवल महिलाओं से यूरिन के लिए शुल्क लिया जाता है। जो पूरी तरह से गलत है। वहीं वर्तमान में शिमला में 30 पब्लिक टॉयलेट हैं। जिसको लेकर नगर निगम ने तैयारी की है कि इन टॉयलेट के लिए शुल्क लिया जाएगा। इसके तहत शहर के स्थानीय कारोबारियों के लिए पास बनेंगे जिसके लिए 100 से 150 रुपये मासिक शुल्क लिया जाएगा।
इस मामले पर शिमला नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि अभी महिलाओं से टॉयलेट के पैसे दिए जाते हैं हालांकि पुरुषों के लिए यह सुविधा फ्री है। लेकिन अब यह सुविधा किसी को नहीं मिलेगी। आने वाले समय में महिलाओं के साथ पुरुषों को भी टॉयलेट का शुल्क देना होगा।
मेयर ने बताया कि शहर में स्थित 30 सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करने वालों की संख्या अधिक है। जहां पर टॉयलेट के उपयोग पर हर किसी से शुल्क लिए जाएंगे। साथ ही शहर के कारोबारियों के लिए हर माह 100 से 150 रुपये शुल्क लेकर पास बनाया जाएगा। इसको लेकर सोमवार को नगर निगम में बैठक भी हुई है। जिसमें इस बात को लेकर भी चर्चा हुई है।