एप डाउनलोड करें

'केवल हिंदुओं के लिए' नौकरी के विज्ञापन पर मचा हंगामा, जानें क्या है मामला 

राज्य Published by: Paliwalwani Updated Mon, 25 Oct 2021 12:58 PM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

द हिंदू रिलीजियस एंड चैरिटेबल एम्पावरमेंट (HR&CE) के अपने कॉलेज में विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन को लेकर हंगामा हो गया है। संस्थान ने शर्त लगाई थी कि केवल हिंदू ही इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। अब इसके खिलाफ कई व्यक्ति और संगठन सामने आ गए हैं। ये विज्ञापन 13 अक्टूबर को कोलाथुर में अरुलमिगु कपालेश्वर आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज के लिए कई टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों के लिए विभिन्न प्रकाशनों में छपे थे। इसमें कहा गया है कि पद केवल हिंदुओं के लिए है। 

ये भी पढ़े : Cheque देते समय न करें ये गलतियां, वरना हो सकता है भारी नुकसान

ये भी पढ़े : MUTUAL FUND INVESTMENT : निवेश से पहले इन 8 बातों का रखें ध्यान, वरना सकता है नुकसान

वॉक-इन इंटरव्यू  

संस्थान 2021-22 तक कोलाथुर में कपालेश्वर कॉलेज समेत चार नए आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज खोल रहा है। विज्ञापन में बीकॉम, बीबीए, बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीसीए, तमिल, अंग्रेजी, गणित पढ़ाने के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के साथ-साथ डायरेक्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन और लाइब्रेरियन पदों के लिए वॉक-इन-इंटरव्यू चल रहा है। ऑफिस असिस्टेंट, जूनियर असिस्टेंट, चौकीदार और स्वीपर सहित नॉन टीचिंग स्टॉफ के पद के लिए भी विज्ञापन दिया गया था। विज्ञापन में कहा गया है कि इन पदों के लिए केवल हिंदू ही आवेदन कर सकते हैं। 

यह भी पढ़े : 10 करोड़ में बिका 1 रुपये का ब्रिटिश इंडिया के समय का सिक्का : इस तरह बेचे अपने पुराने सिक्के

यह भी पढ़े : इस दुर्लभ सिक्के की है भारी डिमांड, अगर आपके पास है तो कमा सकते हैं 10 लाख रुपये

विरोध हुआ शुरू

एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स के पूर्व अध्यक्ष के. पांडियन ने कहा कि एचआर एंड सीई डिपार्टमेंट में 36 स्कूल, 5 आर्ट्स और साइंस कॉलेज और एक पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं। पहली बार इस तरह का विज्ञापन आया है, जो केवल हिंदुओं के लिए आवेदन की शर्त लगाता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाए जाने वाले विभाग धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते और अन्य धर्मों के उम्मीदवारों को अपात्र नहीं बना सकते। पांडियन ने मदुरै में मुस्लिम सर्विस सोसाइटी वक्फ बोर्ड कॉलेज का उदाहरण दिया, जिसमें कई गैर-मुस्लिम फैकल्टी सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में जो लिखा है उसके आधार पर ही सरकार कॉलेज चला सकती है। 

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next