छत्तीसगढ़. छत्तीसगढ़ के महासमुंद में एक इंजीनियर बागवानी कर लाखों कमा रहा है. जिले के छोटे से गांव मालिडीह में रहने वाले अमर चन्द्राकर युवा किसान हैं. अमर पिछले 5 साल से डच गुलाब की साढ़े 4 एकड़ में खेती कर रहे हैं. गुलाब की इस बागवानी में 6 माह में उन्हें गुलाब की स्टिक मिलनी शुरू हो जाती है. रोजाना ढाई हजार गुलाब की स्टिक निकाल पाते हैं. अमर बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में ज्यादातर लोग धान की खेती करते हैं और एक बार ही फसल ले पाते हैं. आधुनिक खेती में एक बार फसल लगाकर मुनाफा भी ज्यादा कमा सकते हैं और कम से कम 4 से 5 साल तक काम आता है.
अमर बताते हैं कि करीब 30 एकड़ में आधुनिक खेती से डच रोज का उत्पादन होता है. छत्तीसगढ़ के साथ ही आस-पास के प्रदेशों में इसकी सप्लाई की जाती है. डच रोज की खेती में सरकार 50 प्रतिशत की सब्सिडी देती है और वे साल का खर्चा काटकर 12 लाख मुनाफा कमा रहे हैं. यही नहीं अपने साथ साथ आसपास के 4 से 5 गांव के करीब 30 उन बेरोजगारों को रोजगार दे रहे हैं, जो पढ़ाई कर घर में बेरोजगार बैठे थे. लेकिन अब रोजगार पाकर अपनी आमदनी कर अपने घर में मदद कर पा रहे.
इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई कर चुके अमर की पुणे की एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब लग चुकी थी, लेकिन उन्होंने नौकरी करने की बजाय अपने परम्परागत खेती को आधुनिक रूप से आगे बढ़ाने की ठानी और शासन की योजनाओं से जुड़कर अब अपनी किश्मत खुद बदल रहे हैं. वो अपने बड़े-बड़े फार्म में डच गुलाबों की खेती कर रहे हैं और यह आय का एक बढ़िया साधन साबित हो रहा है. अमर पढ़े लिखे होने के कारण व राजनीति में नहीं होने के बाद भी अपने क्षेत्र में पहले प्रयास में जिला पंचायत के सदस्य चुने गए हैं. जो कृषि विभाग के सभापति भी हैं. अमर का कहना है कि वो युवाओं के लिए रोलमॉडल सेट करना चाहते हैं.