पेरिस पैरालंपिक 2024 में सोमवार (3 सितंबर) भारत के लिए ऐतिहासिक रहा। देश को एक ही दिन में दो स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदक मिला। हाल ही में समाप्त पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए कुछ खास नहीं रहा था। 17 दिन में केवल 6 मेडल ही मिल सके थे। ऐसे में पैरालंपिक में एक ही दिन में आए 8 पदक 150 करोड़ भारतीयों के लिए मरहम का काम करेंगे। पैरालंपिक 2024 में भारत के पदकों की संख्या तीन स्वर्ण के साथ 15 हो गई है।
भारत के लिए ब्लॉकबस्टर दिन का मुख्य आकर्षण भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल रहे। उन्होंने न सिर्फ गोल्ड डिफेंड किया बल्कि पेरिस में दो बार टोक्यो के अपने ही पैरालंपिक रिकॉर्ड को दो बार तोड़ा। अब विश्व रिकॉर्ड और पैरालंपिक रिकॉर्ड दोनों ही भारतीय दिग्गज के नाम हैं। योगेश कथुनिया ने सोमवार, 2 सितंबर को पुरुषों की डिस्कस थ्रो एफ56 स्पर्धा में रजत जीतकर अपना दूसरा पैरालंपिक पदक हासिल किया। टोक्यो में भी उन्होंने सिल्वर जीता था।
भारतीय शटलर्स ने सोमवार को पांच पदक जीते। नितेश कुमार ने पुरुष एकल SL3 में अपना पहला पैरालंपिक स्वर्ण जीता, जबकि सुहास यतिराज और थुलसीमाथी मुरुगेसन ने क्रमशः SL4 और SU5 श्रेणियों में रजत पदक हासिल किए। इसके बाद युवा मनीषा रामदास ने महिला एकल SU5 में कांस्य पदक जीतकर इस तालिका में इजाफा किया। नित्या श्री सिवन ने 2024 पेरिस पैरालिंपिक में SH6 बैडमिंटन वर्ग में कांस्य पदक जीता। यह भारतीय पैरा बैडमिंटन के लिए एक ऐतिहासिक दिन था।
भारत की शीतल देवी और राकेश कुमार ने पेरिस पैरालिंपिक में मिश्रित टीम कंपाउंड तीरंदाजी स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। सोमवार, 2 सितंबर को भारतीय जोड़ी ने इटली के माटेओ बोनासिना और एलेनोरा को इनवैलिड्स में 156-155 से हराया। इसके साथ भारत को पैरालिंपिक रिकॉर्ड की बराबरी भी की, जो तीन साल पहले टोक्यो में तुर्किये ने बनाया था। जबकि इटली ने 158 के स्कोर के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया 2017 में बीजिंग में बनाया था।