मण्डावर : राजसमन्द जिले भीम उपखण्ड क्षेत्र अंतर्गत शराबमुक्त, डिजिटल, खुले में शौच मुक्त, राजस्व विवाद मुक्त, उजियारी, राष्ट्रीय पुरुस्कारों से सम्मानित, नवाचारों व अग्रिम पहल के ख्यातनाम,ब आदर्श ग्राम पंचायत मण्डावर में भामाशाह सेवानिवृत्त वरिष्ठ अध्यापक चुन्ना सिंह चौहान की अध्यक्षता, भीम देवगढ़ विधायक सुदर्शन सिंह रावत के मुख्य आथित्य तथा सरपंच प्यारी कुमारी चौहान, मुख्य सूत्रधार लोको पायलट जसवंत सिंह मण्डावर, पूर्व सरपंच अमरचंद जैन, कमला देवी, पूर्व उप प्रधान पूरन सिंह, राजस्थान रावत राजपूत महासभा संरक्षक भगवान सिंह संपादक, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरधारी सिंह बरजाल के सानिध्य में लीक से हटकर राजस्थान प्रदेश सहित देश में इस तरह का पहला आयोजन है.
देश के इतिहास में पहली बार ऐतिहासिक राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर गौरव रत्न अवार्ड समारोह आयोजन किया गया । पंचायती राज स्थापना 1959 के बाद बनी स्थानीय ग्राम पंचायत मण्डावर में बने 8 सरपंच, 8 उप सरपंच, 87 वार्डपंच, 1 प्रधान, 1 उप प्रधान 1 पंचायत समिति सदस्य व पांच पंचायत कार्मिकों को मण्डावर गौरव रत्न देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने कहा कि मण्डावर ग्राम पंचायत देश प्रदेश में चर्चित है , इसकी चर्चा चहुँओर होती है। आज का ऐतिहासिक आयोजन प्रदेश में पहली बार हो रहा है। विधायक ने मण्डावर में विशाल हॉल बनाने, पीथड़ा नाड़ी में घाट निर्माण व बाउंड्री निर्माण की घोषणा की। सरपंच प्यारी कुमारी चौहान ने कहा कि मण्डावर नित नए ऐतिहासिक कार्य, नवाचार करती रही है। मण्डावर में विकास कार्य व जनकल्याणकारी योजनाएं जन जन तक बिना भेदभाव, भ्रष्टाचार मुक्त निरन्तर पहुचाने का वादा दोहराया। स्वागत उदबोधन समारोह के मुख्य सूत्रकार व परिकल्पनाकार जसवंत सिंह मण्डावर ने देते हुए गांव के विकास की परिकल्पना को साकार रूप लेते हुए विस्तृत रूप से बताया। 1959 से अब तक कालचक्र पर प्रकाश डाला वही भविष्य के मण्डावर की संकल्पना प्रस्तुत की। इस अवसर पर मिठू सिंह पटवारी, उप सरपंच सुभाष सिंह, वार्डपंच चुन्ना सिंह ढाक, भंवर सिंह बामनिया, ममता देवी, ललिता देवी, दर्शना देवी, शांता देवी, सुगना देवी, प्रेम सिंह सोमेश्वर, अध्यापक प्रताप सिंह ढाक, अरविंद गुगलिया, कनिष्ठ लिपक शांता कर्णावट, चंदन सिंह, मेघसिंह आदि उपस्थित थे। संचालन मुख्य सूत्रधार जसवंत सिंह मण्डावर व अध्यापक दिलीप सिंह सिरोला ने किया। मिठू सिंह पटवारी ने आभार व्यक्त किया।
मण्डावर ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहे 1959 से अब रहे पूर्व प्रधान व प्रथम सरपंच मिश्रीमल जैन, पूर्व सरपंच हजारी सिंह सिरोला, मान सिंह पातलावत, धन्ना सिंह रोहिड़ा, नाहर सिंह , पूर्व पंसस बदामी देवी, पूर्व उप सरपंच जेत सिंह, गणेशमल गुगलिया, डाल चंद जैन, धन्ना सिंह डूंगावत को मरणोपरांत मण्डावर गौरव रत्न से परिजनों को अलंकृत किया गया।
वही पूर्व सरपंच अमरचंद जैन, कमला देवी, पूर्व उप प्रधान पूरन सिंह, पूर्व उप सरपंच दूध सिंह पंवार, पन्ना सिंह सिरोला, प्रेमी देवी, चतर सिंह, सुभाष सिंह सहित 87 वार्डपंचों को मण्डावर गौरव रत्न से अलंकृत कर, प्रतीक चिन्ह देकर व उपरना ओढ़ा कर अभिनंदन किया गया।
मण्डावर सम्मेलन के अवसर पर रावत राजपूत संदेश के संपादक व राजस्थान रावत राजपूत महासभा पूर्व अध्यक्ष व संरक्षक भगवान सिंह चौहान को मगरा विभूषण अलंकरण दिया गया। इसी तरह शिक्षाविद, राजस्थान रावत राजपूत महासभा प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरधारी सिंह बरजाल को मगरा भूषण से अलंकरण , प्रतीक चिन्ह व उपरना ओढा ओढ़ाकर किया दिया गया।
इस अवसर पर भीम, देवगढ़, टॉडगढ़, अजमेर, जोधपुर, राजसमन्द, उदयपुर के कमल शेख देवगढ़, मोहित माहेश्वरी देवगढ़, हीरालाल भाट भीम, ललित देवड़ा बरार, जोगेश्वर शौकीन अजमेर, विनोद प्रजापति टॉडगढ़, कुशाल सिंह रावत टॉडगढ़, विद्याधर वैष्णव देवगढ़, राजू सिंह पीपली नगर, उदय गोपाल राजसमन्द, विजय पाराशर, मोइनुद्दीन चिश्ती जोधपुर सहित एक दर्जन से अधिक पत्रकारों को पत्रकार गौरव रत्न देकर सम्मानित किया गया।
मगरा गौरव रत्न समारोह में सारण सरपंच गजेंद्र सिंह , कान सिंह सिरोला, कैप्टन गणेश सिंह, लाल सिंह, पूरन सिंह डूंगावत, डाल चंद चावला, विरद सिंह बामनिया, पुष्पेंद्र सिंह खजुरिया, मकन सिंह डूंगावत, मिश्रा सिंह बादरिया, अध्यापक भंवर सिंह, पूनम सिंह आंदडाई, मिठू सिंह ढाक, तुलसाराम, देवाराम, रणजीत सिंह ढाक, डालूराम, भंवर सिंह खजुरिया, नरेंद्र सिंह सिरोला, गणेश सिंह नामाकाकर, हवलदार मोहन सिंह डूंगावत, वीरेंद्र सिंह सिरोला, गणेश सिंह ढाक, आशा सिंह ढाक, राजू राम , डाउ सिंह ढाक, भगवान सिंह रोहिड़ा, खंगार सिंह चतरपुरा, प्रभु सिंह धाक, सोहन सिंह डूंगावत, शेर सिंह, धन्ना सिंह, सीता देवी रोहिड़ा, पानी देवी कनियात, भंवरी देवी पंवार, झमकू देवी, देवीलाल भाट, भंवर सिंह अध्यापक, रूप सिंह पंवार सहित हजारों की तादात में ग्रामीण उपस्तिथ थे।