जावद :
कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम महाराणा प्रताप के दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण के साथ हुई. तत्पश्चात अध्यक्ष श्री देवी सिंह द्वारा पधारे हुए सभी समाज के होनहार विद्यार्थियों व मेहमानों का स्वागत उद्बोधन किया गया. तत्पश्चात प्रथम चरण में स्टूडेंट कैरियर मार्गदर्शन कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इसमें विभिन्न विषय-विशेषज्ञों द्वारा समाज के छात्र छात्राओं को दसवीं उत्तीर्ण पश्चात आगे की कक्षा में कौन सा विषय वर्ग चयन करें व किस विषयवर्ग में क्या क्या संभावना है, व स्कोप है.
इसके बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई तथा राज्य प्रशासनिक सेवा (RAS)व भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) व विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयन हेतु तैयारी किस रूप में व कैसे करें ताकि सफल हो सके. इसके बारे में क्रमबद्ध विस्तृत जानकारी देकर विद्यार्थियों की कैरियर संबंधी जिज्ञासाओं का प्रश्नोत्तर द्वारा समाधान प्रस्तुत किया गया. तत्पश्चात समाज के विभिन्न वक्ताओं द्वारा समाज शिक्षा संस्कार पर अमूल्य उद्बोधन दिए गए. जिसमें विद्यार्थी उच्च शिक्षा के साथ-साथ संस्कारित होकर स्वयं व समाज को प्रगतिशील बना सके.
इस अवसर पर श्री योगेंद्र सिंह परमार व केसर सिंह गौड़ ने समाज के विद्यार्थियों को निरंतर अध्ययनरत रहते हुए उच्च पदों पर आसीन होकर समाज को शिक्षा के क्षेत्र में नवीन ऊंचाइयों पर ले जाने की अपील की. कार्यक्रम की अगली कड़ी में सभी विद्यार्थियों ने अपना परिचय देते हुए अपने भावी लक्ष्य के बारे में सभी को अवगत कराया. इस अवसर पर राजपूत चेतना मंच के संरक्षक श्री शंकर सिंह खरवड, श्री पंकज सिंह कड़ेचा, श्री शैलेंद्र सिंह चदाणा, महासचिव श्री लाल सिंह कड़ेचा, सलाहकार श्री बंशी सिंह चदाणा, जनप्रतिनिधि शिशोदा के सरपंच भगवान सिंह चदाणा, पूर्व कोषाध्यक्ष श्री अभय सिंह चदाणा, खेल मंत्री श्री गणपत सिंह चदाणा, मीडिया प्रभारी श्री बसंत सिंह ऊँठड़, प्रकाश सिंह चदाणा व उपाध्यक्ष श्री डुंगर सिंह परमार, सह संगठन मंत्री अर्जुन सिंह चदाणा, हमेर सिंह परमार, श्री रूप सिंह चदाणा, श्री खुमान सिंह खरवड़, चुन सिंह खरवड़, रणजीत सिंह, शंकर सिंह, विक्रम सिंह व कई समाजजनो की उपस्थिति रहीं.
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष श्रीमान देवी सिंह खरवड ने पधारे हुए सभी समाज जनों का आभार प्रकट करते हुए सभी विद्यार्थियों को सुशिक्षित एवं संस्कारित नागरिक बनकर समाज को एक नवीन दिशा देने की प्रेरणा दी. कार्यक्रम संचालन श्री शैलेन्द्र सिंह चदाणा द्वारा किया गया.