खमनोर। राजसमंद के समिपवर्ती केसुली गांव की मोरजन नामक पहाडी की ग्रोचर भुमी पर रेवेन्यू विभाग की मिलीभगत के चलते पुरी पहाडी पर लोगो ने अवैध कब्जा जमा रखा है। विगत दस वर्षों से निरंतर ग्रामीणों द्वारा अवैध कब्जों को हटाने के लिए की जा रही मागं पर रेवेन्यू व जिला प्रशासन आँखों पर पट्टी बाध कर धृतराष्ट्र बनने का नौटंकी नाटक कर रहा है।
ग्रामीणों के कई गंभीर आरोप लगाने के बाद भी जिला प्रशासन आँखों पर पट्टी बाध कर धृतराष्ट बनकर अवैध कब्जेधारियों पर मेहरबानी क्यों दिखा रहा है, दाल में कुछ काला है जा भी जिला प्रशासन आँखों पर पट्टी बाध कर धृतराष्ट सब शिकायतों को रद्ी की टोकरी में फेंककर ग्रामीणो एवं शिकायतकर्ता का मजाक बना डाला। ग्र्रामीणों ने आरोप लगाया कि इतनी बड़ी संख्या में अवैध कब्जे रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों की जानकारी व मिलीभगत से ही हो रहे है। गत दिनों राजसंमद जिला कलेक्टर अर्चना सिंह ने मोरजन पहाडी से कब्जे हटाने के लिए आदेश जारी किये थे। मगर रेवेन्यू विभाग ने अवैध कब्जों की जगह कानूनी रुप से ग्राम पंचायत द्वारा जारी पटटे पर पक्की चारदीवारी करके बेठे लोगो पर ही जेसीबी चलवा कर उनको नष्ट कर डाला।
देलवाडा तहसीलदार व उनके अधिकारीयों ने राजसंमद जिला कलेक्टर अर्चना सिंह को अवैध कब्जों को हटाने की झुठी रिपोर्ट जारी करते हुए जिला कलेक्टर को सरासर बेवकूफ़ बनाने का काम किया है। जिससे लगता है कि देलवाडा तहसीलदार की भी इस मामले में संदिग्ध भूमिका है। जिसकी उच्चस्तर से जाँच कर देलवाडा तहसीलदार पर सेवा खत्म करने की कार्यवाही होगी तो राजसमंद सहित अनेक गांव के तहसीलदार जिला प्रशासन को सही जानकारी भेजगे। केसुली गावं के पुर्व उप सरपंच सत्यनारायण पालीवाल व मुकेश पालीवाल के अनुसार हमारे पास ग्राम पंचायत द्वारा आबादी भुमी के प्रमाणित पट्टे के दस्तावेज होने के बाद भी तहसीलदार ने हमारे कब्जे हटा को दिया जो सरासर गलत है। रेवेन्यू विभाग की भेदभाव पुर्णनीति से आहत लोगो ने राजसमंद जिला कलेक्टर सहित आला अधिकारियों को प्रञ भेज कर न्याय की गुहार लगाई है।
ग्रामीणों ने केसुली ग्राम पंचायत की समस्त ग्रोचर भुमी का आकडां उपलब्ध करवाने व उन पर काबिज अवैध कब्जों की फ्रोटो ग्राफी कर हटाने मोरजन पहाडी की चारो ओर पक्की दिवाल की माँग की है।
पालीवाल वाणी ब्यूरो -मनीष पालीवाल (केसुली)
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