राजसमंद। आज भी देश के अनेक ब्लड बैंकों में रक्त की उपलब्धता नहीं होती है वहीं राजसमन्द ब्लड बैंक में स्वैच्छिक रक्तदाताओं के सहयोग से नियमित रूप से रक्त जुटाया जा सका है। जिससे अनेक रोगियों को नया जीवन मिलता है। यह बात आर.के. चिकित्सालय ब्लड बैंक के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सी.एल. डूंगरवाल ने बुधवार को डॉक्टर्स डे के अवसर पर इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन, भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी एवं मेडिकल प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित रक्तदान शिविर के शुभारम्भ पर कही।
शिविर समन्वयक रेडक्रॉस मानद सचिव राजकुमार दक ने बताया कि शहरी चिकित्सालय में आयोजित इस शिविर में 73 व्यक्तियों ने स्वैच्छिक रक्तदान कर अपने सामाजिक उत्तरदायित्व निर्वहन का परिचय दिया वहीं 12 युवाओं ने आवश्यकता पडऩे पर तुरन्त रक्तदान का संकल्प व्यक्त किया। आई एम ए के अध्यक्ष डॉ. आर.पी. शर्मा ने कहा कि किसी रोगी के लिए रक्त की आवश्यकता पडऩे पर इसकी महत्ता चिकित्सक ही जान सकता है। गम्भीर रोगी को समय पर रक्त चढ़ाकर ही उसका जीवन बचाया जा सकता है।
आइ.एम.ए. सचिव डॉ. अनमोल पगारिया ने बताया कि शिविर में एम.पी.एस. अध्यक्ष डॉ. एस.एस. पुरोहित, डॉ. संघर्ष जैन, डॉ. विमल कावडिय़ा, रक्तदाता प्रेरक ब्रजलाल कुमावत के नेतृत्व में तकनीशियन युगल किशोर पालीवाल, मुकेश कुमावत, रमेश सुथार, युवराजसिंह, कुन्दन लोठ आदि ने रक्तदान करवाया। इस अवसर पर डॉ. गिरिराज राठी, डॉ. जे.पी. अग्रवाल, डॉ. कमल पोखरा, डॉ. शेलेन्द्रसिंह, डॉ. विमल कावडिय़ा, राजेश विजयवर्गीय, डॉ. एस.के. जैन, डॉ. एसएल जैन, डॉ. आनंद श्रीवास्तव, डॉ. जी.एल. हींगड़ आदि ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया।
विशिष्टजनों ने किया अवलोकन
शिविर में केमिस्ट एसोसिएशन अध्यक्ष प्रमोद मोदी, तेयुप कांकरोली अध्यक्ष पवन कोठारी, तेयुप राजनगर शाखा अध्यक्ष महावीर धोका, बी.एस.सी. नर्सिंग कॉलेज प्राचार्य राजकमल महात्मा आदि ने पहुंचकर रक्तदाताओं का हौंसला अफजाई किया।
हिमोग्लोबिन बढ़ाएं
शिविर में पहुंची अनेक महिलाओं के हिमोग्लोबिन की कमी के कारण रक्तदान से वंचित रहना पड़ा। डॉ. अनमोल पगारिया ने कहा कि वे नियमित रूप से लोहे के बर्तनों का प्रयोग करें, चुकन्दर (बीट) पत्तेदार हरी सब्जियां, देशी गुड़, मूली की भाजी आदि का उपयोग करें।
फोटो- डॉक्टर्स-डे पर रक्तदान करते युवा।