जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार ने संविदा कर्मियों की भर्ती के लिए नियम जारी किए हैं। नियमों के तहत संविदा पर भर्ती के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष होगी। इसमें आरक्षण का प्रावधान भी लागू होगा और उसी के आधार पर आयु में छूट भी मिलेगी। इसके अलावा संविदा कर्मियों के मानदेय में सालाना पांच प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। कार्मिक विभाग ने पहली बार जारी इन नियमों की अधिसूचना जारी की है।
प्रतिष्ठित समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार के अनुसार संविदा भर्ती में आरक्षण के प्रावधान के अनुसार आरक्षित वर्ग के पुरुष एवं सामान्य महिलाओं को पांच-पांच वर्ष तथा आरक्षित वर्ग की महिलाओं को 10 वर्ष की छूट मिलेगी. छुट्टी और मेडिक्लेम के प्रावधान संविदा कर्मियों पर भी लागू होंगे। इससे संविदा कर्मियों को काफी फायदा होगा।
संविदा कर्मियों की नियुक्ति अधिकतम पांच वर्ष की अवधि के लिए होगी। यहां खास बात यह है कि यदि कोई परियोजना निर्धारित समय से पहले पूरी हो जाती है तो संविदा कर्मचारी की नियुक्ति भी समाप्त हो जाएगी। जहां स्थायी पद नहीं है, केवल उन्हीं की भर्ती संविदा पर की जाएगी। आलम यह है कि यदि कोई पद स्थायी है तो उन पर संविदा कर्मियों का चयन संभव होगा। लेकिन इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। वह नियमों और विनियमों के आधार पर चयन करेगी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में लंबे समय से संविदा कर्मियों के लिए नियमों की मांग की जा रही थी। वहीं संविदा कर्मियों को स्थायी करने को लेकर भी मामला चल रहा है। इसको लेकर ठेका कर्मचारी कई बार सरकार से मांग कर चुके हैं। सरकार लंबे समय से उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी देती रही है। सरकार ने नए साल में इनके लिए नियम जारी कर ये बड़ा तोहफा दिया है.