राजसमंद। राजस्थान वानिकी एवं जैविविधता परियोजना कुंभलगढ़ में वन्य जीव अभ्यारण के आस-पास के गांवो में आजिवीका विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग व फाउंडेसन फोर रेकोलोनिकल सेक्युरिटी के तत्वाधान में झीलवाड़ा नर्सरी पर एक दिवसीय स्वयं सहायता समुह शिविर आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुम्भलगढ के वन अधिकारी श्री देवेन्द्र पुरोहित थे। शिविर प्रभारी श्री नारयणसिंह चुण्डावत ने बताया कि प्रशिक्षण मे रूपनगर ओडवाडीया व कोयला के 60 ईडीसी व एसएचएन सदस्यों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में प्रोजेक्ट मेनेजर डॉ. सतीश शर्मा ने कहा कि वन एवं वन्य जीव हमारे मानव जीवन के लिए महत्व पूर्ण है। जिनके संरक्षण एवं विकास के लिए हम सभी का विकास अपेशित है। वन्य जीवो सें हमे आजीविका हरित क्षैत्र कृषि वानिकी एवं फलों के उत्पादन के लिए अतिआवश्यक है। पशु अधिकारी चारभुजा डॉ. मंयक जैन ने अभ्यारण क्षैत्र के आस-पास बड़े पशुपालन करने तथा पशुओं को बीमारी से बचाने की जानकारी प्रदान की। उन्होंने वन प्रबन्ध योजना से वन संवर्धन कि जानकारी दी। प्रशिक्षण में वनपाल जसवन्तसिंह सोलंकी, वन रक्षक नरेन्द्र सिंह ने भी विचार रखें।
राजसमंद। वन विभाग व फाउंडेसन फोर रेकोलोनिकल सेक्युरिटी के तत्वाधान में आयोजित स्वयं सहायता समुह शिविर में उपस्थित गणमान्य। फोटो-सुरेश भाट