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राजस्थान में मनरेगा को लेकर 300 करोड़ का घोटाला, बाड़मेर और नागौर का मामला, मंत्री ने कहा- कराएंगे जांच

राजस्थान Published by: Pushplata Updated Mon, 11 Jul 2022 03:01 PM
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राजस्थान के नागौर और बाड़मेर जिलों में नरेगा के अंतर्गत 300 करोड़ का घोटाला सामने आया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीणा ने बताया, नागौर जिले में लगभग 80 करोड़ से 100 करोड़ रूपयों के बीच के घोटाले का अनुमान है जबकि बाड़मेर में 150 करोड़ से लेकर 200 करोड़ तक के घोटाले का अनुमान लगाया जा रहा है।

बाड़मेर जिले से नरेगा मामले में सामने आए इस बड़े घोटाले के बाद ग्रामीण एवं पंचायती राज मंत्री मीणा ने बताया ऐसा ही मामला जैसलमेर जिले में भी सामने आया है। उन्होंने बताया कि राज्य में हो रहे ऐसे मामलों पर सरकार की नजर है और ऐसे मामलों को चिन्हित किया जा रहा है। मीणा ने आगे कहा, नरेगा में हो रहीं इन अनियमितताओं की जांच करने के लिए एक हाई लेवल की जांच कमेटी का गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बात के पीछे जूनियर लेवल के अधिकारियों की साठ-गांठ और वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा इंजीनियर्स का हाथ होने की संभावना है।

मामले की जांच में होंगे बड़े खुलासे

रमेश चंद्र मीणा ने आगे कहा जब इस बारे में नागौर जिले के अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया,’लगभग 1,100 तालाब विकसित किए गए हैं। हालांकि वो असली संख्या को सही नहीं बता रहे हैं यही घोटाला है हम इसकी उच्च स्तरीय कमेटी से जांच करवाएंगे। असली आंकड़े तो जांच के बाद ही सामने आएंगे।’ मंत्री ने बताया कि इस जिले में एफटीओ यानि कि फंड ट्रांसफर के ऑर्डर 200 करोड़ से भी ज्यादा का है जो कि अनियमितता का मामला दिखाते हैं।

पांच साल में 7.38 लाख तालाब का दावा

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक एक अधिकारी से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उसने बताया कि बाड़मेर जिले में पिछले पांच सालों के दौरान 1.38 लाख तालाब बनाए गए हैं। और इसके साथ ही इस बात का भी अनुमान लगाया जा रहा है कि पांच साल में नागौर में करीब 50,000 से 55,000 तालाब बनाए गए हैं। इस पर मंत्री मीणा ने बताया इन जिलों में नकली मजदूरों को लेबर पेमेंट किया गया है दूसरा जिस तरह से व्यक्तिगत मीणा ने कहा, ‘एक तो इन जिलों में नकली लेबर पेमेंट किए गए हैं। दूसरा उस हिसाब से जमीन पर कोई काम नहीं दिखाई देता है।’

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