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पंजाब में राष्ट्रपति शासन की चेतावनी : आप ने की राज्यपाल की आलोचना

अन्य ख़बरे Published by: Paliwalwani Updated Sat, 26 Aug 2023 05:15 AM
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  • पंजाब :

पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर कहा- राजभवन द्वारा मांगी गईं जानकारियां सरकार की ओर से नहीं दी जा रही हैं। ये संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है। मुख्यमंत्री के इस आचरण पर उनके पास कानून और संविधान अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता। 

गवर्नर ने लिखा है कि वह संवैधानिक तंत्र की विफलता के बारे में संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजी जानी है। IPC की धारा 124 के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का फैसला लेने से पहले जानकारी मांग रहे हैं।

पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार है जिसकी अगुवाई CM भगवंत मान कर रहे हैं। गवर्नर ने मुख्यमंत्री से कहा है कि यदि उन्होंने गवर्नर हाउस के पत्रों का जवाब नहीं दिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गवर्नर ने 4 पेज का ये लेटर भगवंत मान को 15 अगस्त 2023 को लिखा था, जो अब सामने आया है।

गवर्नर बीएल पुरोहित ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि पंजाब में नशा चरम पर है। एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में दवा की दुकानों पर भी नशीले पदार्थ उपलब्ध हैं। यहां तक कि राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित शराब की दुकानों में भी नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। हाल में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, NCRB और चंडीगढ़ पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में लुधियाना से ड्रग्स बेचने वाले 66 शराब ठेकों को सील किया गया।

गवर्नर ने पत्र में लिखा है कि संसद की स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट बताती है कि पंजाब के अंदर हर पांच में से एक व्यक्ति नशे का आदि है। यह तथ्य पंजाब में कानून-व्यवस्था के चरमराने की ओर इशारा करते हैं। अब राज्य के अंदर ग्रामीणों ने भी बड़ी संख्या में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं और खुद को नशे से बचाने के लिए अपनी ग्राम रक्षा समितियां बनाने का फैसला किया है।

गर्वनर ने मुख्यमंत्री को ड्रग मामले पर राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तुरंत उनके कार्यालय में भेजने के निर्देश भी दिए हैं। गवर्नर पुरोहित ने लिखा है कि वह एक अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री को भेजे गए लेटर के संबंध में यह नया पत्र लिखने को बाध्य हैं। उनके लैटर के बावजूद मुख्यमंत्री ने मांगी गई जानकारी नहीं दी। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री जानबूझकर ये जानकारियां नहीं दे रहे।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 167 के प्रावधानों के मुताबिक, राज्यपाल अगर राज्य के प्रशासनिक मामलों के बारे में कोई जानकारी मांगे तो मुख्यमंत्री द्वारा उसे उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य होता है।

आप ने की राज्यपाल की आलोचना

पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने की चेतावनी देने को लेकर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की शुक्रवार को आलोचना की और कहा कि ऐसा मणिपुर और हरियाणा में किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा अपनी चिट्ठियों का जवाब नहीं दिए जाने से निराश होकर पुरोहित ने आज चेतावनी दी कि वह राज्य में ‘संवैधानिक तंत्र के विफल’ होने की रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेज सकते हैं और फौजदारी प्रक्रिया भी शुरू कर सकते हैं। पुरोहित ने मान को सलाह दी कि इससे पहले कि वह संविधान के अनुच्छेद 356 और भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत ‘अंतिम निर्णय लें’, मुख्यमंत्री उचित कदम उठाएं। पंजाब में आप के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने जोर दिया कि मान नीत सरकार संवैधानिक सीमाओं के भीतर काम कर रही है और भाजपा पर आरोप लगाया कि वह गैर-भाजपा शासित राज्यों की सरकारों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रही है।

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