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तालिबान ने इमामों से कहा- जनता को सिखाइए सत्ता के आदेशों का पालन

अन्य ख़बरे Published by: Paliwalwani Updated Fri, 27 Aug 2021 06:30 PM
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काबुल. दुनिया के अलग-अलग देशों से शांति समझौता कर के वादा तोड़ने वाला तालिबान अब अपने असली रंग में आ रहा है. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद से ही अफरातफरी के बीच एक ओर जहां लोग मुल्क छोड़कर जाना चाहते हैं तो वहीं तालिबान उन्हें जाने से रोक रहा है. बीते दिनों खबरें आई थीं कि तालिबान अफगान नागरिकों को बाहर जाने से रोक रहा है. वहीं अब समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार तालिबान ने इमामों से ‘आग्रह’ किया है कि वह शुक्रवार यानी जुमे के दिन खास उपदेश दें. इस उपदेश में सत्ता के आदेशों का पालन करने की बातें कहीं जाएं. रायटर्स के अनुसार तालिबान ने इमामों से ‘आग्रह’ किया है कि वह लोगों को ‘सरकार की बातें मानने’ यानी आदेश मानने के बारे में ‘उपदेश’ दें.

तालिबान ने यह आग्रह ऐसे वक्त में किया है जब राजधानी काबुल में विस्फोट से 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. इससे पहले बीते हफ्ते एक मैसेज में तालिबान ने इमामों से कहा, ‘हमारे हमवतन को देश के विकास के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. उन्हें देश छोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. इमामों को दुश्मन के नकारात्मक प्रचार का जवाब देना चाहिए.’ उधर अफगानियों को चेतावनी दी गई  थी कि वो जुमे की नमाज़  से भागे नहीं.

अफगान सिख, हिंदू श्रद्धालुओं को भारत आने से रोक रहा तालिबान!

इससे पहले दिल्ली की संस्था ‘इंडियन वर्ल्ड फोरम’ ने दावा किया था कि तालिबान सिख गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के अवसर पर शामिल होने के लिए आने वाले 140 अफगान हिंदुओं और सिखों को भारत आने की इजाजत नहीं दे रहा है. संस्था के बयान के अनुसार, सिख गुरु का जयंती कार्यक्रम रविवार को ‘कीर्तन दरबार’ के साथ शुरू होगा जिसमें दुनिया के विभिन्न हिस्सों से हिंदू और सिख समुदायों के तीर्थयात्रियों के शामिल होने की उम्मीद है.

इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह ने दावा किया, ‘ 140 अफगान हिंदुओं और सिखों के एक समूह को कल (बुधवार) शाम एक विशेष उड़ान में सवार होना था, जिन्हें आखिरी समय में काबुल के हवाई अड्डे में प्रवेश करने से रोका गया.’ संस्था ने तालिबान से इन तीर्थयात्रियों को शीघ्र रवाना होने देने की अपील की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे भारत में समारोह में भाग ले सकें.

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