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तेलंगाना हाईकोर्ट का अजीब फैसला : शादी का वादा कर तोड़ना क्राइम नहीं…

अन्य ख़बरे Published by: paliwalwani Updated Sun, 29 Jun 2025 07:53 PM
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तेलंगाना. 

अगर कोई शादी का वादा (Promise of Marriage) करे, भरोसा दिलाए, साथ बिताए-और फिर मुकर जाए… तो क्या ये धोखा (धोखा) है? जवाब है हां. मगर क्या ये अपराध (Crime) है? तेलंगाना हाईकोर्ट (Telangana High Court) ने कहा नहीं. कोर्ट के मुताबिक शादी का वादा कर उसे निभाना कानूनन (Legalese) जरूरी नहीं है और सिर्फ वादा तोड़ना भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तहत अपराध नहीं माना जाएगा. इस फैसले के बाद सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों के बीच तीखी बहस छेड़ दी है.

यह फैसला हैदराबाद के जीवन रेड्डी की याचिका पर आया है. साल 2019 में पद्मिनी रेड्डी नाम की महिला ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में आरोप था कि जीवन ने साल 2016 में उनसे शादी का वादा कर उनके माता-पिता का भरोसा भी जीता लेकिन बाद में मुकर गया. इस शिकायत पर एलबी नगर कोर्ट में मामला दर्ज हुआ. पर जीवन रेड्डी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस FIR को रद्द करने की मांग की.

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि वादा तोड़ना तब तक अपराध नहीं है जब तक यह साबित न हो कि वादा करते समय ही आरोपी की मंशा कपटपूर्ण थी. यानी अगर कोई पहले से ही धोखा देने की नीयत से शादी का वादा करता है और इसका पुख्ता सबूत मौजूद है जैसे कि शारीरिक या मानसिक शोषण, आर्थिक लाभ या प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाना तभी यह मामला IPC की धारा 417 या 420 के तहत अपराध माना जाएगा.

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