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Recharge Price Hike : रुपए की लगातार गिरावट से टेलीकॉम सेक्‍टर पर असर, बढ़ सकती है टैरिफ की कीमतें

अन्य ख़बरे Published by: Pushplata Updated Sun, 17 Jul 2022 05:02 PM
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विश्लेषकों और उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में तेज गिरावट वित्त वर्ष 2023 में टेलीकॉम सेक्‍टर्स पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है। साथ ही डॉलर के कर्ज पर ब्याज भुगतान में मामूली वृद्धि भी होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में टेलीकॉम कंपनियां इस साल के अंत में एक और टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती है। यानी कि अगर यह बढ़ोतरी होगी तो यूजर्स को रिचार्ज के उच्‍च लागतों से होकर गुजरना पड़ेगा।

एक्‍सपर्ट का अनुमान है कि टैरिफ के मूल्य वृद्धि में करीब 10बढ़ोतरी की संभावना है। इससे मोबाइल ब्रॉडबैंड सेवाओं की खपत में कटौती हो सकती है यानी कि आने वाली तिमाहियों में टेलीकॉम के राजस्व को नुकसान पहुंचाएगा।

गौरतलब है कि भारतीय रुपए ने कथित तौर पर ओवर-द-काउंटर और डेरिवेटिव बाजारों में मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण 80 अमेरिकी डॉलर के ऊपर चला गया है। मुद्रास्फीति को कंट्रोल करने के लिए इस महीने के अंत में दरों में 100 आधार अंकों की बढ़ोतरी की जा चुकी है। वहीं शुक्रवार को रुपया ग्रीनबैक के मुकाबले 79.90 रुपए पर कारोबार कर रहा था।

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच के सीनियर डायरेक्टर नितिन सोनी ने कहा कि भारतीय रुपए में गिरावट की वजह से टेलीकॉम के लिए नेटवर्क अधिकतम 5 फीसदी (ऑन-ईयर) बढ़ सकता है। डॉलर के मुकाबले रुपए के ब्‍याज दर में बढ़ोतरी होगी। हालांकि उनका कहना है कि सुनील मित्तल के नेतृत्व वाली एयरटेल की कुल ब्याज लागत वित्त वर्ष 2023 में कर्ज में कमी के कारण घट जाएगी।

एयरटेल की ब्याज लागतों के लिए कोई “महत्वपूर्ण जोखिम” उत्पन्न करने वाले रुपए के नुकसान की उम्मीद नहीं करता है। क्‍योंकि एयरटेल का केवल 5.1 बिलियन डॉलर का कर्ज अमेरिकी डॉलर में है, या उसके कुल कर्ज का 29है। हालांकि, विश्लेषकों ने कहा कि वोडाफोन आईडिया का डॉलर लोन बहुत मामूली होने की संभावना है क्योंकि इसके 1.96 लाख करोड़ रुपए के शुध्द लोन में सरकार को आस्थगित स्पेक्ट्रम और एजीआर (समायोजित सकल राजस्व-संबंधित) संबंधित देनदारियां शामिल हैं।

एक्‍सपर्ट का कहना है कि मोबाइल सेवाओं की बढ़ती लागत और कम कीमत वाले स्मार्टफोन की कम बिक्री के कारण कम 4 जी उपयोगकर्ता जोड़ने के बीच, एयरटेल और वीआई से कम यूजर्स जुड़ेंगे। वहीं जियो वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अपने ग्राहक आधार को बढ़ाने और मजबूत विकास की रिपोर्ट होने की उम्मीद है।

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