खाद्य तेल के अलावा शैम्पू, टूथपेस्ट, चॉकलेट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स जैसी तमाम चीजों में भी पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है। यानी आपके घर में किचन से लेकर बाथरूम तक पाम ऑयल से बने प्रोडक्ट मौजूद हैं। इंडोनेशिया बड़ी मात्रा में पाम ऑयल का निर्यात करता है। पाम के फल की सबसे अधिक पैदावार इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों में होती है। इन देशों की अर्थव्यवस्था में इसका एक अहम योगदान है।
साल 2022-23 में भारत का पाम ऑयल आयात 16 फीसदी के उछाल के साथ 4 वर्ष के उच्च स्तर 92 लाख टन रहने का अनुमान है। भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम ऑयल का आयात करता है। खाद्य तेलों के मामले में भारत के आयात का दो तिहाई हिस्सा सिर्फ पाम ऑयल है।
पाम ऑयल बेहद सस्ता तेल होता है। ऐसे में इसकी मांग दुनिया भर में रहती है। दुनिया भर के करीब 50 फीसदी घरेलू उत्पादों में इसका इस्तेमाल होता है। शैम्पू, नहाने के साबुन, टूथपेस्ट, विटामिन की गोलियां, मेक-अप आइटम, चॉकलेट आदि में भी इसका यूज होता है। यानी एफएमसीजी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियां पाम ऑयल की एक बड़ी ग्राहक होती हैं।
पाम ऑयल बायो फ्यूल में भी इस्तेमाल होता है। पेट्रोल-डीजल में जहां कहीं बायो-फ्यूल मिलाया जाता है, वह पाम ऑयल ही होता है। पाम ऑयल पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय वनस्पति तेल है। कई जगहों पर तो इसका इस्तेमाल कर बिजली भी बनाई जाती है।
पाम का फल पेड़ पर उगता है। इसका पेड़ खजूर के पेड़ जैसा होता है। इसका फल भी खजूर जैसा ही होता है। पाम के पेड़ों के बड़े-बड़े जंगल होते हैं। भारत में भी इसकी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अगर आप 1 एकड़ में सरसों की खेती करते हैं और 1 एकड़ में पाम की खेती करें तो आपको उतनी ही जगह में पाम से सरसों की तुलना में तीन गुना तेल मिल जाएगा।