पटना : सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से अग्निपथ योजना के नोटिफिकेशन के जारी होने के बाद से ही देशभर में इसको लेकर बवाल जारी है. इसका सबसे ज्यादा असर बिहार और बिहार से सटे यूपी के पूर्वांचल के जिलों में देखने को मिल रहा है. बवाल ऐसा की इसमें सरकारी और आम संपत्तियों को उपद्रवियों ने जमकर बर्बाद किया है. आग के धुएं ने इस आंदोलन को काला रंग दे दिया है. देश के अलग-अलग हिस्सों में जारी इस विरोध प्रदर्शन ने अब हिंसा की शक्ल अख्तियार कर ली है. ऐसे में सबसे ज्यादा प्रभावित बिहार के 12 जिलों में इंटरनेट सेवा को 19 जून 2022 तक बंद करकने का निर्देश जारी किया गया है.
सेना भर्ती के लिए नई योजना अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग पर बिहार के कई छात्र-युवा संगठन आइसा-इनौस, रोजगार संघर्ष संयुक्त मोर्चा और सेना भर्ती जवान मोर्चा ने 18 जून 2022 शनिवार को एकदिवसीय बिहार बंद की घोषणा की है. इस बंद का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने नैतिक समर्थन दिया है. एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने भी सैद्धांतिक समर्थन दिया है.
बिहार के सार्वाधिक उपद्रव वाले 12 जिलों में 19 जून 2022 तक इंटरनेट सेवा बंद रखने का आदेश जारी किया गया है. आज से हीं कैमूर, भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, बक्सर, नवादा, पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली और सारण जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है और इसे लागू भी कर दिया गया है. इसको लेकर बिहार के एडीजी कानून व्यवस्था संजय सिंह ने साफ कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने विरोध प्रदर्शन को हिंसक बना दिया. उन्होंने सभी से अपील की कि वह कानून को अपने हाथ में न लें. उन्होंने बताया कि इस मामले में 24 FIR दर्ज की गई हैं. अब तक 125 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं. वहीं इस आगजनी और उपद्रव में बिहार में 1 शख्स की मौत हो गई है.
वहीं इस मामले पर रेलवे अधिकारियों की मानें तो कम से कम 200 ट्रेन का परिचालन इस आगजनी और हिंसा की वजह से प्रभावित हुआ है. प्रदर्शनों के बाद से 35 ट्रेन रद्द की गईं और 13 की यात्रा गंतव्य से पहले ही खत्म करनी पड़ी है.