भारतीय महिला हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। टीम पहली बार ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच गई है। भारत ने क्वार्टर फाइनल में 3 बार की ओलिंपिक चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा दिया। 1980 में टीम इंडिया ने पहली बार हिस्सा लिया था। तब हालांकि सेमीफाइनल फॉर्मेट नहीं था। ग्रुप स्टेज के बाद सबसे ज्यादा पॉइंट वाली 2 टीमें सीधे फाइनल खेली थीं। भारतीय टीम पूल में चौथे स्थान पर रही थी।हॉकी में भारत का गोल्डन एरा लौट रहा है। भारत को लगातार 2 दिन में इस इवेंट में 2 खुशियां मिलीं। रविवार को पुरुष हॉकी टीम 49 साल बाद ओलिंपक में सेमीफाइनल में पहुंची थी। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराया था।
दो क्वार्टर का खेल हो चुका है। पहले क्वार्टर में दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। दोनों ही टीमों ने गोल करने का 1-1 मौका गंवा दिया। मैच के दूसरे ही मिनट में ऑस्ट्रेलिया की फॉरवर्ड खिलाड़ी ने भारतीय गोल पर अटैक किया।
हालांकि भारतीय डिफेंडर्स के आगे उनकी नहीं चली। भारत ने खेल के 9वें मिनट में गोल करने का मौका बनाया था, लेकिन रानी रामपाल चूक गईं। वंदना कटारिया के पास पर रानी ने स्ट्रोक लिया, लेकिन बॉल गोलपोस्ट से जाकर लगी।
भारतीय टीम ने दूसरे क्वार्टर में कमाल की हॉकी खेली। भारतीय महिला टीम को अगर इतिहास रचना है तो अगले 30 मिनट ऐसी ही हॉकी खेलनी होगी। बाकी बचे 2 क्वार्टर में अगर टीम जोर लगा दे तो वह सेमीफाइनल में पहुंच जाएगी।
तीसरे क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया ने शानदार खेल दिखाया। उसे इस क्वार्टर में दो पेनल्टी कॉर्नर मिले। हालांकि वे गोल करने में नाकाम रहे।