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गौतमबुद्ध नगर प्रशासन की पहल बच्चों को महामारी से बचाने के लिए अभिभावकों का वैक्सीनेशन किया जाएगा

अन्य ख़बरे Published by: Paliwalwani Updated Wed, 02 Jun 2021 12:31 AM
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नोएडा। कोरोना संक्रमण को रोकने और जरूरतमंद आम जनता तक आसानी से कोरोना वैक्सीन पहुंचाने के लिए गौतमबुद्ध नगर प्रशासन ने एक पहल शुरू की है। 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए अब सबसे पहले उनके अभिभावकों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत दूसरे इलाकों में आज से इसकी शुरुआत कर दी गई है। डीएम सुहास एल वाई ने इसे अभिभावक स्पेशल वैक्सीन अभियान नाम दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी अभिभावकों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने संबंधी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। वहीं, एक अन्य अभियान के तहत डीएम ने कोरोना इलाज की तय फीस से ज्यादा वसूलने वाले चार मामलों में पीड़ित परिवारों को ज्यादा ली गई फीस वापस कराई है।

अभिभावक स्पेशल वैक्सीन अभियान के बारे में और ज्यादा जानकारी देते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नीरज त्यागी का कहना है कि 1 जून से अभिभावक स्पेशल अभियान शुरू किया गया है। इस विशेष सत्र पर उन सभी माता-पिता और अभिभावकों का टीकाकरण किया जायेगा जिन परिवारों में छोटे बच्चे की उम्र 12 साल से कम है। ऐसे सभी लाभार्थियों को पोर्टल पर उन सभी सत्रों को ऑनलाइन चिन्हित करना होगा, जिन सत्रों पर अभिभावक स्पेशल लिखा होगा।

इसके बाद ही इन्हीं सत्रों पर ऑनलाइन स्लॉट बुक करेंगे। निर्धारित तिथि पर टीकाकरण के लिए पहुंचने से पहले अपने साथ इस तथ्य का प्रमाण पत्र लाना होगा जिससे यह साबित हो सके कि आपके परिवार में 12 साल से कम उम्र का बच्चा है और आप उसके माता-पिता या अभिभावक हैं।

4 कोरोना पीड़ित परिवार को वापस कराई फीस

यूपी सरकार ने सभी प्राइवेट कोरोना अस्पतालों के लिए इलाज की फीस तय कर दी है। साथ ही अगर कोई तय फीस से ज्यादा लेता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश भी दिए हैं। इसी के चलते डीएम सुहास एलवाई ने भी गौतमबुद्ध नगर में एक अभियान चलाय हुआ है। अभियान के तहत सोमवार को डीएम की ओर से 4 कोरोना पीड़ित परिवारों को फीस वापस कराई गई। इन सभी 4 परिवारों से प्राइवेट अस्पताल संचालकों ने कोरोना के इलाज में तय फीस से ज्यादा वसूली थी। इस तरह की शिकायत मिलने पर डीएम ने सभी चारों मामलों की जांच कराई। जांच में यह साबित हो गया कि पहले से तय फीस से ज्यादा रकम फीस के नाम पर वसूली गई है। इसके बाद कार्रवाई करते हुए ज्यादा फीस की वापसी कराई गई।

 

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