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फ्लैक्स फ्यूल : आम जनता के लिए खुशख़बरी, पेट्रोल मिलेगा इतना सस्ता की याद आ जाएंगे 90 के दशक वाले रेट, जानें क्या है मोदी सरकार की तैयारी?

अन्य ख़बरे Published by: Paliwalwani Updated Mon, 14 Mar 2022 10:14 PM
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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम जनता को बेहाल कर दिया है। पूरे महीने के पेट्रोल भरवाते-भरवाते घर का बजट ही बिगड़ जाता है। हम लोग अक्सर ये सोचते हैं कि काश वो 90 के दशक वाला जमाना फिर से लौट आता, जहां तेल इतना सस्ता मिलता था। जिससे थोड़े पैसे में ही गाड़ी फर्राटा भरने लगती थी।

अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। मोदी सरकार ने एक खास तैयारी शुरू की है जिसकी वजह से पेट्रोल के दाम में भारी कमी आ जाएगी। आप पेट्रोल पंप जाएंगे तो आपको वही 90 के दशक वाले रेट के हिसाब से ही पेट्रोल मिल जाएगा। अब सरकार की तैयारी क्या है, चलिए हम आपको बताते हैं।

लगातार बढ़ते जा रहे हैं दाम

अभी की बात करें तो पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार इजाफा होते जा रहा है। भारत कच्चे तेल के लिए पूरी तरह से खाड़ी देशों पर निर्भर है। ऐसे में दाम कम या ज्यादा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ही तय हो पाते हैं। कच्चा तेल महंगा हुआ तो दाम में भी इजाफा हो जाएगा। अगर कच्चा तेल सस्ता हुआ तो भारत में भी पेट्रोल सस्ता हो जाएगा।

फिलहाल तो रूस और यूक्रेन की जंग की वजह से हालत बेहद खराब है। रूस एक प्रमुख तेल उत्पादक देश है। इसी वजह से उसका जंग में शामिल होना कच्चा तेल की कीमतों को आसमान पर पहुंचाने के लिए काफी है। कच्चे तेल के दाम जंग के बाद बढ़ते जा रहे हैं। भारत में भी इसका असर दिखने ही वाला है।

जानें मोदी सरकार की तैयारी

अब आपको कुछ समय का इंतजार करना है। फिर आप आराम से अपने वाहनों से फर्राटा भर सकेंगे और पेट्रोल भी आपको सस्ता मिलेगा। इसके लिए मोदी सरकार ने तैयारी कर ली है और आपको रेट ऐसे मिलने लगेंगे कि 90 के दशक वाला जमाना आपको याद आ जाएगा। मोदी सरकार की तैयारियों के बारे में नितिन गडकरी ने बताया है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि छह महीने के अंदर ही फ्लैक्स फ्यूल वाले वाहनों का विनिर्माण शुरू हो जाएगा। मंत्री का कहना है कि इसके लिए ऑटोमोबाइल कंपनियों के बड़े अफसरों ने उनसे वादा भी कर दिया है। शनिवार को ‘ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट’ को उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित किया।

क्या होता है फ्लैक्स फ्यूल

गडकरी का कहना है कि भारत में ज्यादातर वाहनों को 100 फीसदी एथेनॉल से चलाया जाएगा। आपको बता दें कि पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाने पर ब्लैंडेड फ्यूल बनता है। ये सामान्य पेट्रोल की तुलना में आधी कीमत पर मिलता है। गडकरी का कहना है कि सार्वजनिक परिवहन को 100 फीसदी स्वच्छ ऊर्जा से चलाने की योजना है।

वहीं फ्लैक्स फ्यूल की बात करें तो आसान भाषा में हम समझाते हैं। ये गैसोलीन और मेथनॉल या इथेनॉल को मिलाकर बनाया जाता है। इसकी कीमत काफी कम हो जाती है। फ्लैक्स फ्यूल का रेट 90 के दशक के पेट्रोल के रेट के बराबर मिलेगा। गडकरी का कहना है कि बजाज और टीवीएस जैसी कंपनियों ने तो तिपहिया और दोपहिया वाहनों के लिए फ्लैक्स फ्यूल इंजन बनाना भी शुरू कर दिया है।

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