ब्रॉन्ज मेडल के लिए भारत और जर्मनी के बीच मैच था. पहले क्वार्टर में जर्मनी हावी रहा. उसने अटैकिंग हॉकी खेली। जर्मन टीम ने मैच के पहले ही मिनट में गोल कर बढ़त बना ली थी. तिमुर ओरूज ने फील्ड गोल किया. पहले क्वार्टर के खत्म होने के ठीक पहले उसे पेनल्टी कॉर्नर मिले. भारत ने इस पर शानदार बचाव किया और जर्मनी की बढ़त को 1-0 तक ही रखा. भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने लगातार 2 अच्छे सेव किए.
दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में टीम इंडिया ने वापसी की और सिमरनजीत सिंह ने 17वें मिनट में गोल दागकर 1-1 से स्कोर बराबर कर दिया. इसके बाद जर्मनी के वेलेन ने एक और गोल दागा और टीम 2-1 से आगे हो गई. इसके बाद 25वें मिनट में फर्क ने 25वें मिनट में गोल दाग स्कोर 3-1 कर दिया. फिर भारत के हार्दिक सिंह ने 27वें और हरमनप्रीत ने 29वें मिनट में गोल दाग स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया. हाफ टाइम के बाद मैच के 31 वें मिनट में रविंद्र पाल ने पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल कर भारत को 4-3 से बढ़त दिलाई. उसके ठीक तीन मिनट बाद सिमरनजीत सिंह ने गोल कर लीड को 5-3 कर दिया. उसके बाद जर्मनी की ओर से विंडफेडर ने 48वें मिनट में गोल कर स्कोर 5-4 कर दिया. जर्मनी ने पेनल्टी कार्नर लेकर भारतीय खिलाड़ियों को परेशानी में डाल दिया लेकिन श्रृजेश ने बेहतरीन सेव करके इंडिया को जीत दिलाई.
1980 के मॉस्को ओलंपिक में जीता था आखिरी मेडल : हॉकी में भारत ने अपना आखिरी मेडल 1980 के मॉस्को में ओलंपिक में जीता था. उस साल कप्तान वासुदेवन भास्करन की अगुवाई में भारत ने गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था. उसके बाद से अब तक का भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में आया था. जहाँ पुरुष हॉकी टीम पांचवें स्थान पर रही थी. अब इस जीत के साथ ही 41 साल बाद भारत ने ओलंपिक हॉकी में अपने पदक का सूखा समाप्त कर लिया है.