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तालिबान के दो गुटों में झगड़ा : जीत का श्रेय लेने और सत्ता के बंटवारे पर विवाद

अन्य ख़बरे Published by: Paliwalwani Updated Wed, 15 Sep 2021 05:59 PM
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अफगानिस्तान में सरकार बनाने के बाद तालिबान के दो गुटों में एक बार फिर से झगड़ा होने की खबरें आ रही हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार बनाने के कुछ दिन बाद काबुल स्थित राष्ट्रपति पैलेस में ही तालिबान के दो गुटों में झड़प हो गई। विवाद इस बात को लेकर हुआ कि अफगानिस्तान से अमेरिका को हटाने में किसका अहम योगदान रहा और अब नई सरकार में सत्ता का बंटवारा किस तरह किया जाए? हालांकि तालिबान ने इन रिपोर्ट्स का खंडन किया है।

 

यह झगड़ा तब सामने आया है जब तालिबान के को-फाउंडर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर कई दिनों से लापता है। बीबीसी के सूत्रों के मुताबिक तालिबानी सरकार में डिप्टी PM बना बरादर सरकार गठन के तरीके से नाखुश था। इस बात को लेकर उसकी खलील-उर-रहमान हक्कानी से पिछले हफ्ते तीखी बहस हुई थी और दोनों के समर्थक आपस में उलझ गए थे। बता दें आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सदस्य खलील-उर-रहमान हक्कानी को तालिबानी सरकार में शरणार्थी मामलों का मंत्री बनाया गया है। झगड़ा इस बात को लेकर भी था अफगानिस्तान में तालिबान की जीत का क्रेडिट किसे जाता है? एक तरफ बरादर ये मानते हैं कि उनके जैसे लोगों द्वारा अपनाई गई कूटनीति को क्रेडिट मिलना चाहिए, जबकि हक्कानी नेटवर्क कहता है कि अफगानिस्तान को जंग से जीता गया है।

मुल्ला बरादर पहला तालिबानी नेता है जिसने किसी अमेरिकी राष्ट्रपति से सीधे बात की थी। उसने 2020 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फोन पर चर्चा की थी। इससे पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी को लेकर दोहा समझौते पर साइन किए थे।

मुल्ला बरादर पहला तालिबानी नेता है जिसने किसी अमेरिकी राष्ट्रपति से सीधे बात की थी। उसने 2020 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फोन पर चर्चा की थी। इससे पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी को लेकर दोहा समझौते पर साइन किए थे।

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अफगानिस्तान में हुए बड़े हमलों में हक्कानी नेटवर्क का हाथ

हक्कानी नेटवर्क पिछले कुछ सालों में अफगानिस्तान में हुए बड़े हमलों में शामिल था। ये हमले अफगानी सेना और उनका साथ दे रहे अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाकर किए गए थे। अमेरिका ने हक्कानी नेटवर्क को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है, लेकिन इसका नेता सिराजुद्दीन हक्कानी तालिबानी सरकार में गृह मंत्री बनाया गया है।

तालिबान ने कहा- सही सलामत है मुल्ला बरादर

मुल्ला बरादर के पिछले हफ्ते अचानक लापता होने से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर तो ये अटकलें भी शुरू हो गईं कि शायद बरादर की मौत हो चुकी है। हालांकि, बीबीसी के तालिबान से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विवाद होने के बाद बरादर काबुल से कंधार चला गया था। वहीं सोमवार को बरादर का एक ऑडियो भी जारी किया गया जिसमें वह कह रहा था कि वह यात्रा पर है और सही सलामत है।

तालिबान ने ये दावा भी किया है कि बरादर की किसी से बहस नहीं हुई, लेकिन उसके कंधार जाने को लेकर तालिबान के बयानों में फर्क दिख रहा है। बीबीसी के मुताबिक तालिबान के एक प्रवक्ता का कहना है कि तालिबान के प्रमुख नेताओं से मिलने के लिए बरादर कंधार गया है, लेकिन बाद में कहा गया कि वह थका हुआ है और कुछ दिन आराम करना चाहता है।

तालिबान का सुप्रीम लीडर हिब्तुल्लाह अखुंदजादा भी लापता

अखुंदजादा के बारे में तालिबान ने कहा था कि वह जल्द ही दुनिया के सामने आएंगे, लेकिन बयान के 15 दिन गुजर जाने के बावजूद वो अब तक नहीं दिखा। चर्चा ये भी है कि अखुंदजादा भी या तो मारा जा चुका है या फिर गंभीर रूप से बीमार है। अगर ऐसा नहीं है तो अब तक सामने क्यों नहीं आया? अखुंदजादा 2016 में तालिबान का सरगना बना था। 5 साल में उसका कोई बयान किसी भी रूप में सामने नहीं आया है। पिछले साल भी खबर आई थी कि अखुंदजादा काफी बीमार था और उसकी मौत पेशावर में हो गई थी।

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