जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर शहर के एक व्यक्ति ने पुलिस में इनसे भी अजीबो गरीब शिकायत कर मदद की गुहार लगाई है। दरअसल हुआ कुछ यूं है कि शहर के मेन रोड के रहने वाले मनीष ठक्कर ने एक प्यारा सा तोता पाल रखा था। तोते को ठक्कर परिवार ने बड़े लाड-प्यार से पाला था। पूरा परिवार उसके नखरे उठाता था।
परिवार के सभी लोग तोते की मनुहार में लगे रहते थे। उसके खाने के लिए एक से बढ़कर एक चीजें लाया करते थे। सुबह शाम परिवार के सदस्य की तरह उसकी देखभाल होती थी। लाड प्यार का ही ये नतीजा था कि तोता पिजरे में कैद रहकर भी दिनभर इठलाता रहता था। गुरुवार की सुबह तोते ने देखा कि पिंजरे का दरवाजा खुला है... बस फिर क्या था... तत्काल उसके दिमाग में कैद से निजात पाने का आइडिया घूम गया। बस सी कोशिश के बाद ही वह पिंजरे से खुद को आजाद करने में सफल रहा.. और बस थोड़ी ही देर में तोता फुर्र... अब पिंजरे में तोते को न देखकर पूरा परिवार बेचैन। आस-पास पूरे परिवार ने तलाशा भी, पूरे मोहल्ले को कोई पेड़ ऐसा नहीं बचा जिसपर तोते को तलाशा न गया हो। लेकिन लंबे समय तक पिजरें में कैद रहने के बाद आजादी उस तोते को इस कदर पसंद आई कि वह आसपास क्यों रुकता।
अब तलाशने पर भी तोता नहीं मिला तो ठक्कर परिवार को एक युक्ति सूझी... उनहोंने सोचा कि क्यों न तोते की तलाशी के लिए पुलिस की मदद ली जाए... पुलिस की मदद लेने का आइडिया भी ठक्कर परिवार को संभवत: उन्हीं खबरों से आया होगा जो यदा कदा मीडिया की सुर्खियां में रहती हैं। किसी मंत्री की भैंस चोरी टाइप। बस फिर क्या था ठक्कर साहब तुरंत जगदलपुर के कोतवाली थाने जा पहुंचे। तोते के मालिक मनीष ठक्कर ने कोतवाली टीआई एमन साहू को सौंपे आवेदन में लिखा है कि, उनका तोता कहीं उड़ गया है, उसे जल्द से जल्द तलाश कर लाया जाए।