चंडीगढ़ :
अखिल भारतीय अग्रवाल समाज हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार गोयल का कहना है कि महाराजा अग्रसेन पहले ऐसे महापुरूष हुए हैं जिन्होंने एक रूपया एक ईंट के संदेश के साथ पूरी दुनिया को समाजवाद का पाठ पढ़ाया। उनके राज्य में जो भी जरूरतमंद बसने के लिए आता था उन्हें अग्रोहा का हर परिवार एक रुपया एक ईंट देकर अपना बराबर का बना लेता था। ईंटों से जहां वह जरूरतमंद अपना मकान बना लेता था वही रुपयों से अपना काम धंधा शुरू कर लेता था। समाज के गरीब तबके को अपने बराबर का बनाने को ही समाजवाद का नाम दिया गया है।
महाराजा अग्रसेन को समाजवाद का अग्रदूत कहा जाता है। उन्होंने अपनी शासन प्रणाली में इस नई व्यवस्था को जन्म दिया। वे एक ऐसे अहिंसा के पुजारी थे जिनके राज्य में रहने वाली जनता के दिलों में समानता का भाव कूट कूट कर भरा जाता था और दान देने की प्रवृति का समावेश किया जाता था जिसके चलते जनता में हमेशा समाज सेवा की प्रवृति प्रबल रहती थी।
गोयल का कहना है कि लम्बे समय से यह मांग अधर में लटकी पड़ी है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की गई की इस पर्व को राष्ट्रीय पर्व घोषित किया जाए ताकि महाराजा अग्रसेन की जयंती को पूरे देश के लोग पर्व के रूप में मना सकें।
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