मुंबई. सरकार कब क्या फैसला ले लें कहा नहीं जा सकता है। अब सरकार मोबाइल फोन से फर्जीवाड़ा (phone fraud) करने वाले यूजर्स के खिलाफ सख्त हो गई है। सरकार की ओर से एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, दूरसंचार विभाग और राज्यों की पुलिस को मिलाकर एक एक्शन फोर्स तैयार की गई है, जो फर्जीवाड़ा करने वाले यूजर्स की पहचान कर रही है।
सरकार ने सख्ती के मूड में नजर आ रही है। सरकार ने कुछ मोबाइल यूजर्स की पहचान की है, जिसके मोबाइल फोन को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। मतलब वो दोबारा अपना फोन इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) ने इस मामले में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और अन्य टेलिकॉम ऑपरेटर को 28200 मोबाइल फोन को बंद करने का निर्देश दिया है।
सरकार ने साइबर क्राइम में शामिल होने वाले करीब 28200 मोबाइल को बंद करने का निर्देश दिया है। साथ ही सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों से तत्काल प्रभाव से 20 लाख मोबाइल कनेक्शन का री-वेरिफिकेशन करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि दूरसंचार विभाग(DoT), केंद्री गृह मंत्रालय और राज्यों की पुलिस ने मोबाइल साइबर क्राइम और ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड को रोकने के मकसद एक ज्वांइट एक्शन टीम बनाई है। यह टीम फ्रॉड करने वालों के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए बनाई गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्यों के पुलिस ने 28200 मोबाइल हैंडसेट की पहचान की है, जो साइबरक्राइम में शामिल रहे हैं, जिन्हें बंद करने का निर्देश दिया है। साथ ही 20 लाख संदिग्ध मोबाइल फोन की दोबारा से जांच करने का निर्देश दिया गया है। टेलिकॉम डिपार्टमेंट की ओर से 10,834 मोबाइल नंबर को लेकर रेड फ्लैग जारी किया गया है।