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महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में

महाराष्ट्र Published by: Paliwalwani Updated Mon, 07 Mar 2022 03:25 PM
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मंबई. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सोमवार को मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने मलिक को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता को प्रवर्तन निदेशालय ने 23 फरवरी को गिरफ्तार किया है. मलिक पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहले भी पीएमएलए कोर्ट ने राकंपा नेता की ईडी हिरासत को बढ़ाकर 7 मार्च तक कर दिया था. तब ईडी ने सुनवाई के दौरान माना कि उसकी पिछली रिमांड याचिका में गलती थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मलिक ने इब्राहिम की बहन दिवंगत हसीना पारकर को 55 लाख रुपये का भुगतान किया था, और इसे पांच लाख रुपये के रूप में पढ़ा जाना चाहिए.

मलिक को दक्षिण मुंबई स्थित ईडी के कार्यालय में लगभग पांच घंटे तक चली पूछताछ के बाद गत 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. उनकी शुरुआती हिरासत अवधि खत्म होने के बाद गुरुवार को उन्हें न्यायाधीश आर. एन. रोकाडे की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया था. उसकी और हिरासत का अनुरेध करते हुए, ईडी ने अदालत को बताया कि मलिक ने उपनगरीय कुर्ला में एक अन्य संपत्ति पर कथित रूप से अवैध रूप से कब्जा कर लिया था.

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि पहले रिमांड आवेदन में उल्लिखित 55 लाख रुपये के आंकड़े में ‘टाइपिंग की त्रुटि’ थी और इसे पांच लाख रुपये के रूप में पढ़ा जाना चाहिए. मलिक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उनके मुवक्किल ने इस विवाद के बाद छह दिन जेल में बिताए थे कि 55 लाख रुपये का भुगतान किया गया था.

देसाई ने कहा, ‘आप (ईडी) उन्हें गिरफ्तार करने में जल्दबाजी न करें. अपना दिमाग लगाओ … अपना होमवर्क करो.’ मलिक की रिमांड छह दिन बढ़ाने पर जोर देते हुए ईडी ने कहा कि अदालत ने शुरुआत में ईडी को तीन मार्च तक के लिए मंत्री की हिरासत दी थी, लेकिन उन्हें 25 से 28 फरवरी के बीच इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इस अवधि के दौरान उनसे पूछताछ नहीं की जा सकती थी.

अदालत ने कहा कि मलिक कुछ दिनों से अस्पताल में थे और नए तथ्य सामने आए हैं, इसलिए आरोपी को आगे की हिरासत में भेजा जा रहा है. ईडी का मामला दाऊद इब्राहिम और अन्य के खिलाफ हाल में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है. एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज की थी.

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