नई दिल्ली. बांदा जेल में बंद रहे माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब उसके परिजनों को जेल में बंद बेटे विधायक अब्बास अंसारी की जेल में हत्या कराने की आशंका जताई है। उसे कासगंज जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करने के लिए अदालत में याचिका डालने की तैयारी कर रहे हैं। इससे पहले परिजनों ने कई बार मुख्तार को जहर खिलाकर मरवाने की आशंका जताई थी। इसकी न्यायाधीश से जांच कराने की मांग भी की है।
अधिवक्ता सौभाग्य मिश्रा के जरिए मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने अदालत में याचिका दायर कर 18 मार्च से लेकर 28 मार्च तक जेल में मुख्तार की दवा, भोजन, इलाज आदि की रिपोर्ट जेल से मांगी है। उन्होंने यह भी बताया कि उमर अंसारी के अनुसार जेल में बंद भाई अब्बास अंसारी को भी पिता की तरह प्रताड़ित किया जाता है। उसकी भी हत्या कराने की साजिश हो रही है। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से उसकी जेल बदल दी जाए।
गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कासगंज जेल में बंद अब्बास को उसके पिता मुख्तार की मौत के बाद फातिहा के लिए गांव जाने की छूट मिली है। 13 अप्रैल तक को अब्बास को गाजीपुर व आसपास की जेल में रखने के अदालत के आदेश हैं। उसकी जेल की बदली कराने के लिए याचिका तैयार कर ली गई है। जल्द ही अदालत में याचिका दाखिल की जाएगी।
न्यायिक जांच टीम ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से मुख्तार के बीएचटी (बेड हेड टिकट) तलब किए हैं। इसमें उसे 26 को भर्ती किए जाने से लेकर 28 की रात उसकी मौत तक किए गए इलाज का पूरा ब्यौरा दर्ज है। इसी से स्पष्ट हो सकेगा कि 26 मार्च को मुख्तार की हालत 14 घंटे के इलाज के बाद आखिरी इतनी ठीक कैसे हो गई कि उसे आईसीयू से किसी वार्ड अथवा जेल के अस्पताल में रेफर करने की जगह सीधे तन्हा बैरक भेज दिया गया।
भेजते वक्त मुख्तार के साथ कौन-कौन सी दवाइयां भेजी गईं। उसके सेवन से उसकी हालत सुधरने की जगह दो दिनों में इतनी बिगड़ गई कि उसकी मौत हो गई। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की जांच अब मंडलीय कारागार से होते हुए मेडिकल कॉलेज तक पहुंच गई है। परिजन जेल में मुख्तार को जहर दिए जाने का आरोप लगा रहे हैं।
लिहाजा न्यायिक जांच टीम ने दो-तीन बार जेल पहुंचकर जेल अधीक्षक समेत वहां पर इलाज करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ की। अब टीम की जांच की सुई मेडिकल कॉलेज की ओर घूमी है। टीम देखना चाहती है कि माफिया के इलाज में किसी तरह की लापरवाही तो नहीं हुई।