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अवैध कबाड़ का धंधा, जिम्मेदारों की चुप्पी और माफिया का बढ़ता जाल...! : सर्वर समस्या के कारण, सहज उपलब्ध

मध्य प्रदेश Published by: indoremeripehchan.in Updated Wed, 27 Aug 2025 11:59 PM
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जिले के अलग अलग थानों में पदस्थ प्रभारी क्यों इसको अपनी जागीर समझ रहे हैं..समझ से परे है...शासन, प्रशासन,न्यायपालिका भी या नहीं...!

पुलिस थानों पर कबाड़ माफिया गुड्डू का प्रभाव

subhash Gautam

शहडोल जिले में अवैध कबाड़ का कारोबार इन दिनों चरम पर है, जिससे कानून व्यवस्था और सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, एक प्रभावशाली कबाड़ माफिया गुड्डू इस पूरे धंधे को संचालित कर रहा है। उस पर रेलवे, एसईसीएल और अन्य सरकारी विभागों से चोरी किए गए सामान को खरीदने और बेचने का आरोप है।

इस अवैध धंधे को चलाने के लिए माफिया को कथित तौर पर जिले के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। इस संरक्षण के कारण ही, लगातार खबरें प्रकाशित होने के बावजूद उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यह स्थिति न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जिले में अपराध का नेटवर्क कितना गहरा है।

पुलिस थानों पर कबाड़ माफिया गुड्डू का प्रभाव

सूत्रों के मुताबिक, इस माफिया ने शहडोल कोतवाली और सोहागपुर थाने के पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर अपनी जेब में रखा हुआ है। इसका मतलब है कि पुलिस को उसके हर काम की जानकारी होती है, लेकिन इसके बावजूद वे उस पर हाथ नहीं डाल पाते। पुलिस की इस निष्क्रियता से यह भी साफ होता है कि यह माफिया सिर्फ चोरी का सामान ही नहीं खरीदता, बल्कि उसके पास इतना राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख है कि वह कानून को भी अपने इशारों पर नचा सकता है।

  • क्यों नहीं हो रही कार्रवाई? : 

यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि आखिर इतने गंभीर आरोपों के बावजूद भी इस माफिया पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। इसका मुख्य कारण उच्च अधिकारियों का आशीर्वाद माना जा रहा है। जब तक शीर्ष स्तर से कार्रवाई का दबाव नहीं बनेगा, तब तक स्थानीय पुलिस और प्रशासन उस पर हाथ डालने से कतराएगा।

यह स्थिति शहडोल जिले के लिए बेहद चिंताजनक है। अवैध कबाड़ का धंधा केवल चोरी और आर्थिक अपराध तक सीमित नहीं है। यह माफिया नेटवर्क अन्य आपराधिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे सकता है, जिससे जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ सकती है।

  • आगे की राह : इस समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन को तुरंत कठोर कदम उठाने होंगे। सबसे पहले, इस कबाड़ माफिया की गतिविधियों की गहन जांच होनी चाहिए। उन अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की भी पहचान की जानी चाहिए जो इस माफिया को संरक्षण दे रहे हैं। जब तक ऐसे भ्रष्ट तत्वों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक इस तरह के अवैध धंधे पनपते रहेंगे।
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