जयपुर.
RUHS की बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर की मीटिंग में सर्वसम्मति से फैसला, चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार के सुझाव पर लिया गया, यह निर्णय.
विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज व अस्पताल जैसे RIMS, RUHS, जयपुरिया व डेंटल में जल्द अनिवार्य किया जाएगा. नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस, प्रदेश में पहली बार किसी सरकारी इंस्टीट्यूशन में लागू होगा. अनिवार्य NPA, RUHS की पुरानी फैकल्टी के साथ ही नई भर्तियों में लागू होगा. अनिवार्य NPA, हालांकि, अनिवार्य NPA की राशि को लेकर वित्त विभाग के पाले में डाली गई गेंद, एम्स के वेतन भत्तों के हिसाब से राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने का लिया गया फैसला.
RUHS से जुड़े संघटक कॉलेज व अस्पतालों के चिकित्सक अब घर पर फीस लेकर मरीज नहीं देख पाएंगे.इन सभी मेडिकल टीचर्स का फोकस अस्पताल में भर्ती मरीजों को क्वालिटीपूर्ण ट्रीटमेंट और मेडिकल स्टूडेंट्स को शोधपूर्ण बेहतर शिक्षा देने का होगा.आरयूएचएस की बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में अनिवार्य नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस का अहम फैसला लिया गया है, जो वर्तमान में कार्यरत मेड़िकल टीचर्स और नए ज्वाइन करने वाले डॉक्टर्स पर लागू होगा.
आखिर क्या है इस फैसले के पीछे की मंशा और मरीज व मेडिकल स्टूडेंटस के लिए ये फैसला कैसे लाभकारी होगा. दरअसल, प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक के लिए घर पर प्रैक्टीस अलाउ है.इसी का परिणाम है कि हम कई बार देखते है कि सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में अधिकांश बड़े चिकित्सक नदारद मिलते है, जबकि शाम को घर पर निजी प्रेक्टिस के दौरान वो ही चिकित्सक मरीजों से घिरे नजर आते है.इस तरह की मनमानी को रोकने के लिए कई बार मांग उठ चुकी है कि सरकारी चिकित्सकों की घर पर निजी प्रेक्टिस बन्द होनी चाहिए.
प्रदेश में पहली बार किसी सरकारी इंस्टीट्यूशन में अनिवार्य NPA लागू किया जा रहा है.हालांकि, अनिवार्य NPA की राशि को लेकर आरयूएचएस प्रशासन ने वित्त विभाग के पाले में गेंद डाली है.बैठक में तय किया गया है कि यदि आवश्यक हो तो दिल्ली एम्स के तर्ज पर वेतन भत्ते देने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा.इस बारे में आरयूएचएस के कार्यवाहक कुलपति डॉ.धनंजय अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में एनपीए ऑप्शनल है, लेकिन अब इसे अनिवार्य करने का निर्णय किया गया है.