नई दिल्ली. घरेलू शेयर बाजार के पिछले हफ्ते की अस्थिरता को के साथ इस सप्ताह भी उतार-चढ़ाव भरे कारोबारी सत्रों का सामना करना पड़ सकता है और इस दौरान वैश्विक संकेतक, रुपये की चाल और कच्चे तेल के भाव से आगे बाजार की दिशा तय होगी। विशेषज्ञों ने कहा कि कारोबारी रूस और यूक्रेन के बीच तनाव पर भी नजर रखेंगे, जो पिछले कुछ हफ्तों से बाजार को प्रभावित कर रहा है।
एक खुदरा शोध प्रमुख के हिसाब से, ‘अमेरिका और रूस के बीच महत्वपूर्ण बैठक को देखते हुए इस सप्ताह भी बाजार में अस्थिरता रहने की आशंका है। मुद्रास्फीति की चिंता, एफआईआई की लगातार बिकवाली और मंथली फ्यूचर एंड ऑप्शंस के निपटान से अगले सप्ताह अस्थिरता और बढ़ सकती है।’
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने और संकट के समाधान की मांग की है। भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बढ़ोतरी की संभावना के चलते विदेशी फंडों ने भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली शुरू कर दी है।
ईवीपी और इक्विटी शोध प्रमुख के अनुसार, ‘निवेशक मार्च में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसलों और रूस-यूक्रेन संघर्ष के प्रति सतर्क रहेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘भारत और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही मुद्रास्फीति और कंपनियों के तिमाही नतीजों से भी बाजार प्रभावित होगा।’ विशेषज्ञों ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चल रहे विधानसभा चुनावों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी।
बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 59.04 अंक या 0.10 फीसदी की गिरावट के साथ 57,832.97 पर बंद हुआ था। इसी तरह एनएसई निफ्टी 28.30 अंक या 0.16 फीसदी टूटकर 17,276.30 पर बंद हुआ। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 319.95 अंक या 0.55 फीसदी और निफ्टी 98.45 अंक या 0.56 फीसदी टूटा।