10 फरवरी से बैंकों ने अपने हर प्रकार की सर्विस का रेट बढ़ा दिया है। खास तौर पर इसमें ऐसे बैंकों के चार्ज ज्यादा बढ़े हैं जो प्राइवेट हैं या प्रीमियम सर्विस देने की बात करते हैं। इसमें एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफ़सी, बैंक ऑफ बड़ौदा, समेत लगभग सभी बैंक शामिल हैं। इसमें आईएमपीएस, मिनिमम बैलेंस, चेक बाउन्स, चेक क्लियरेंस जैसे अन्य सर्विस में चार्ज को बढ़ाया गया है।.
बैंको के इन बढ़े हुए चार्ज में सबसे महत्वपूर्ण चेक बाउन्स चार्ज और मिनिमम बैलेंस है। जिससे लगभग हर तीसरा व्यक्ति प्रभावित होता है। प्राइवेट बैंक ने हर अकाउंट में कम बैलेंस रखने को 5 हज़ार से बढ़ाकर 10 हज़ार कम से कम कर दिया है। जबकि कॉर्पोरेट अकाउंट या करेंट अकाउंट में ये लिमिट कम से कम 25 हज़ार हो चुकी है। इसी तरह सरकारी बैंक भी अब सेविंग में मिनिमम बैलेंस 1 हज़ार से लेकर 3 हज़ार कर रहे हैं। हालांकि सरकारी बैंकों में ये अलग अलग बैंक पर निर्भर होगा।
फरवरी से ही ICICI bank ने अपने क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर चार्ज बढ़ा दिया है। बैंक की ओर से भेजे हुए टेक्स्ट मेसेज में कहा कि ’10 फरवरी से चार्ज में बदलाव किया गया है। कैश एडवांसेस पर ट्रांजेक्शन चार्ज 2.50लगेगा। हर बार इसके इस्तेमाल में मिनिमम 500 रु की फीस होगी। इसी प्रकार चेक रिटर्न में भी कुल रकम का 2चार्ज लगाया जाएगा। चेक बाउन्स हुआ तो 500 रुपए देना होगा। Cash, क्रेडिट कार्ड, चेक से जुड़े सभी नियम और उनके चार्ज 10 फरवरी से लग जाएंगे।
पंजाब नेशनल बैंक ने कहा है कि 1 फरवरी से ही वहाँ पर ऑटो डेबिट सिस्टम को लागू कर दिया है। अगर आपके अकाउंट से हर महीने कोई किश्त कट रही है और यह बाउंस हो गई तो प्रति ट्रांजेक्शन 250 रुपए का चार्ज लगेगा। पहले यह 100 रुपए हुआ करता था। लोन से कोई अकाउंट जुड़ा है तो उसके बौके होने पर ज्यादा चार्ज लगाया जाएगा। जो कि 15 जनवरी से ही चार्ज लग चुके हैं।
Minimum Balance को लेकर भी नए नियमों को लागू कर दिया गया है। जिसमें प्राइवेट बैंक अब शहरी क्षेत्रों के लिए 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रु मिनिमम बैलेन्स कर दिया गया है।