इंदौर : बिजासन रोड स्थित अखंडधाम आश्रम पर आज शाम जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ एवं युग पुरुष स्वामी परमानंद महाराज के सानिध्य एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन के आतिथ्य में शहर को छठी बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का गौरव दिलाने वाले पांच पुरुष सफाई कर्मियों एवं पांच महिला कर्मियों को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर श्रीमती महाजन ने कहा कि अब इंदौर को मन से भी साफ-सुथरा बनाने की जरूरत है। सफाई अब इस शहर के नागरिकों की आदत और स्वभाव बन गए हैं, वहीं युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज ने भी कहा कि मैं भी सफाईकर्मी ही हूं। दोनों संतों ने शहर के नागरिकों को स्वच्छता अभियान के लिए बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अब इंदौर हमेशा ही सफाई में अव्वल बना रहेगा।
अखंडधाम आश्रम पर इन दिनों 55वां अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन चल रहा है। आज शाम नगर निगम के झोन 2 के वार्ड 6 के 5 पुरुष कर्मियों एवं 5 महिला कामगारों को अखंडधाम आमंत्रित किया गया था। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन इस आयोजन की मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने कहा कि सफाई की शुरुआत हमने सन 1996 में तब की थी, जब इंदौर इतना साफ-सुथरा नहीं था। दीपावली के दिन हम अच्छे और नए कपड़े पहनकर मंदिर जाते, लेकिन मंदिर के सामने ही कचरा पड़ा रहता था। हमने तब धन तेरस के दिन से मंदिरों की साफ-सफाई का अभियान शुरू किया था और वहां रंगोली, तुलसी के पौधे एवं अन्य सजावट करने लगे। अब इंदौर के लोगों ने पूरे इंदौर को चमका दिया है।
अब तो छोटा बच्चा भी कचरा फेंकने पर टोंकने लगता था। रिक्शे वाले भी आगे जा रही गाड़ी वाले को टोकना नहीं भूलते। इस तरह अब शहर में सफाई के प्रति जागरुकता आ गई है। इंदौर तन से तो साफ हो गया, अब मन से भी साफ होना चाहिए। संतों के आशीर्वाद से इंदौर मन से भी साफ-सुथरा बन जाएगा। युग पुरुष स्वामी परमानंद ने भी सफाई कर्मियों को दुपट्टा पहनाते हुए कहा कि मैं भी सफाईकर्मी हूं।
मन का मेल निकालने के लिए ही सत्संग जैसे आयोजन होते हैं। जगदगुरू शंकराचार्य ने भी नागरिकों एवं सफाईकर्मियों को बधाई दी। पार्षद संध्या यादव, एसो. ऑफ इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष योगेश मेहता, सियागंज व्यापारी एसो. के राजेश महाजन, भाजपा नेता कमल वाघेला, मनोज मिश्रा विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। प्रारंभ में आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ.स्वामी चेतन स्वरूप, संत राजानंद, अध्यक्ष हरि अग्रवाल, संयोजक निरंजनसिंह चौहान गुड्डू, महासचिव सचिन सांखला, ठा. विजयसिंह परिहार, भावेश दवे, आदित्य सांखला, जानकीलाल सांखला, मोहनलाल सोनी आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। शहर के विकास में योगदान के लिए श्रीमती सुमित्रा महाजन को भी महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतनस्वरूप एवं आयोजन समिति के सदस्यों ने प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया।
संत सम्मेलन में मुंबई से आए महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानंद, वृंदावन से आए महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती, हरिद्वार से आए महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद, वृंदावन के ही स्वामी जगदीश्वरानंद, साध्वी, कृष्णादेवी, साध्वी अर्चना दुबे, रतलाम के महामंडलेश्वर स्वरूपानंद एवं देवस्वरूपानंद, स्वामी नारायणानंद, अखंड परधाम की साध्वी चेतन्य सिंधु, हंसदास मठ के महामंडलेश्वर स्वामी रामचरणदास, पं. पवनदास शर्मा, स्वामी लोचनदास सहित अनेक संतों ने अपने ओजस्वी विचार व्यक्त किए।