इंदौर :
मरीजों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, डॉक्टरों द्वारा पर्ची पर लिखी जाने वाली दवाइयां अस्पताल के स्टोर्स से नहीं दी जा रही हैं। जब पर्ची लेकर काउंटर पर जाते हैं तो चार में से तीन दवाइयों के लिए वहां मौजूद कर्मचारी मना कर देता है। पहले तो वह कहता है कि डॉक्टर से दूसरी लिखवा लो, बाद में दबी जुबान में धीरे से कहता है कि बाहर बाजार में मिल जाएगी, वहां से खरीद लो।
खरगोन से आए एक व्यक्ति ने बताया कि वह अपने पिता के उपचार के लिए यहां आया है। हम गरीब परिवार के हैं। प्राइवेट अस्पताल में पैसा खर्च कर उपचार नहीं करवा सकते, इसलिए यहां आए हैं। सुना है कि यहां के डॉक्टर अच्छा इलाज करते हैं, लेकिन यहां हमें दवाइयां बाहर के मेडिकल स्टोर से लाने के लिए कहा जा रहा है। इतना पैसा होता तो हम यहां उपचार करवाने आते ही क्यों।
एक अन्य मरीज जिनकी व्हील चेयर उनका बेटा और पत्नी धकेल रहे थे, ने बताया कि अधिक उम्र और कमजोरी की वजह से चल नहीं पता हूं। यहां सांस की बीमारी का उपचार करवाने आया हूं। डॉक्टर ने पांच-छह दवाइयां लिखी हैं। इसमें बुखार और अन्य दवाइयां हैं, लेकिन इसमें से तीन दवाइयां यहां नहीं हैं। अब हमें बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदना पड़ेगी।
गौरतलब है कि मरीजों से दुर्व्यवहार, डॉक्टरों के देरी से आने, स्ट्रैचर परिजन के धकेलने से लेकर अन्य कई ऐसे मामले हैं, जिनके कारण एमवाय अस्पताल कई बार चर्चा में रहता है। इसके बाद भी यहां कोई न कोई समस्या हमेशा बनी ही रहती है।