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देवतत्व की अभिव्यक्ति है पर्यावरण का सरंक्षण : उत्तम स्वामी जी महाराज

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil paliwal Updated Wed, 22 Feb 2023 01:09 AM
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देश में अनादि काल से प्रकृति हमारी पूजक

इंदौर :

जल,नदी, सागर, पेड़, पौधे, वायु इन सभी को हमारे सनातन धर्म ने देवतत्व माना है हर पूजा इन सभी के बिना अधूरी है, इस धरा की रक्षा करना हम सब धरती मां के पुत्रों की जिम्मेदारी है,आज हमारी प्रकृति संकट में है कई चुनौतिया हमारे सामने है इन सभी संघर्ष से हम सभी को अपनी प्रकृति को बचाना है इसके लिए हमको प्रकृति के लिए निस्वार्थ जीना होगा निरंतर जागरण करना होगा प्रकृति का सरंक्षण ही देवतत्व की अभिव्यक्ति है, उक्त विचार परम पूज्य अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री ईश्वरानंद ब्रह्मचारी जी महाराज(श्री उत्तम स्वामी जी) ने पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रकृति से मित्रता कार्यक्रम में कही।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे चोइथराम स्कूल नॉर्थ कैंपस के प्राचार्य ने कहा की शिक्षा जगत के द्वारा हम नई पीढ़ी से पर्यावरण संरक्षण को जीने के लिए संकल्पित करने पर कार्य कर रहें है। मालवा प्रांत के प्रांत कार्यवाह श्री विनीत नवाथे जी ने अपने उद्बोधन में कहा की हम सभी के संयुक्त प्रयास से हम अवश्य इस सरंक्षण के कार्य को पूर्ण कर सकते है आवश्यकता प्रकृति के लिए सभी सेवा संगठनों को एक साथ कार्य करने की है जब हम सभी एक शक्ति से एक दिशा में लंबे समय कार्य करेंगे तो परिणाम निश्चित ही सकारात्मक होंगे आवश्यकता है की इस कार्य में हम लंबे समय तक धैर्य पूर्ण रूप से लगे रहें।

पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के विभाग संयोजक श्री सागर चौकसे ने प्रस्तावना में कहा की यह कार्यक्रम निश्चित इंदौर को हरा भरा करने में एक ऐतिहासिक कदम है इसके साथ ही हम आज उत्तम स्वामी जी का सानिध्य प्राप्त करके अपने तय लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम में स्वागत भाषण ऋतुजा पहाड़े ने दिया आभार स्वाति चौहान ने माना कार्यक्रम का संचालन ललिता पाटिल ने किया।

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