इंदौर। नगर निगम के मार्केटों में 3473 दुकानें हैं, जिनका किराया माफ करने की मांग दुकानदारों द्वारा की जा रही है। निगम का कहना है कि इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर प्रशासक यानी संभागायुक्त को भिजवा दिया है और वहां से मंजूरी के बाद राज्य शासन को भेजा जाएगा, क्योंकि शासन की अनुमति के बाद ही किराया माफ किया जा सकता है। 1 करोड़ 12 लाख रुपए का दो माह का अप्रैल-मई का किराया निगम माफ कर सकता है, क्योंकि इस अवधि में लॉकडाउन था।
गत वर्ष लगे लॉकडाउन में भी नगर निगम ने अपने मार्केट के दुकानदारों को किराया माफ कर सुविधा दी थी। इस बार भी अप्रैल-मई में लॉकडाउन रहा और दुकानें बंद रही। लिहाजा सभी दुकानदारों ने कहा कि निगम किराया माफ कर राहत दे। निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर मार्किट विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव तैयार किया। उपायुक्त मार्केट विभाग लोकेन्द्रसिंह सोलंकी ने पुष्टि करते हुए बताया कि संभागायुक्त व निगम प्रशासक को किराया माफ करने का प्रस्ताव भिजवा दिया है। 3473 दुकानों का लगभग 1 करोड़ 12 लाख रुपए दो माह का किराया होता है। प्रशासक की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव शासन के पास जाएगा, क्योंकि निगम अधिनियम के मुताबिक शासन को ही इस तरह का अधिकार प्राप्त है। इंदौर के जनप्रतिनिधि भी शासन स्तर से किराया माफ करवाने के प्रयासों में जुटे हैं। वहीं अन्य दुकानदारों-व्यापारियों की यह भी मांग है कि निगम सम्पत्ति कर, जल कर के साथ कचरा संग्रहण शुल्क को भी माफ करे। इसी तरह बिजली कम्पनी से भी कारोबारियों की यही मांग है। इंदौर में सख्त लॉकडाउन के चलते दो माह तक अत्यावश्क सेवाओं को छोडक़र सभी तरह के कारोबार बंद रहे, फिर भी सरकारी विभागों को टैक्स और निर्धारित शुल्क चुकाना पड़ रहा है।