मोबाइल फोन आपकी जिंदगी का अहम हिस्सा है। फोन में आपके तमाम सीक्रेट्स होते हैं। एक बार किसी के हाथ लग जाए तो चारों ओर से आपकी जिंदगी में तूफान आ जाता है। ऐसी ही कुछ खामियां जल्द लॉन्च होने वाले एंड्रॉयड-13 में था, जिससे गूगल भी अंजान था। इंदौर के टेकी ने अमन पांडेय और उनकी टीम ने एंड्रॉयड 13 में 49 बग ढूंढा है। इसमें यूजर के लिए दो बग बेहद ही खतरनाक थे। एंड्रॉयड 13 में बिना आपके परमिशन के ही कोई भी लोकेशन हासिल कर सकता था। इसके बाद आपको ट्रैक कर सकता था। अमन पांडेय की कंपनी बग्स मिरर एंड्रॉयड 13 में सबसे ज्यादा गलतियां ढूंढने वाली दुनिया की टॉप बग रिसर्चर बन गई है। इसके लिए गूगल की तरफ से करोड़ों का इनाम मिला है।
दरअसल, गूगल इसी साल कुछ दिनों बाद अपने यूजर्स के लिए एंड्रॉयड 13 लॉन्च करने वाली है। यह एंड्रॉयड का लेटेस्ट वर्जन है। गूगल जब भी कुछ नया लॉन्च करता है तो उससे पहले उस प्रोडक्ट के बीटा और अल्फा वर्जन को रिसर्चर के पास भेजता है। साथ ही इसमें खामियां ढूंढने को कहता है। इसी तरह से इंदौर के टेकी अमन पांडेय के पास भी फरवरी 2022 में यह एंड्रॉयड-13 का बीटा वर्जन आया आथा। इसके बाद अमन और उनकी टीम इसमें खामियां ढूंढने लगी। इस दौरान बग्स मिरर की टीम ने एंड्रॉयड 13 की 49 गलतियां ढूंढी।
बग्स मिरर की टेक्निकल टीम ने बताया कि हमारी टीम ने इस पर बहुत मेहनत से काम किया। हम एंड्रॉयड-13 में बग ढूंढने में पूरी दुनिया में पहले पायदान पर हैं। एंड्रॉयड सिक्योरिटी को लेकर हमारी टीम ने इसमें 49 गलतियां ढूंढी है। उन्होंने बताया कि आपके बिना परमिशन दिए ही कोई भी आपका लोकेशन लेकर आपको ट्रैक कर सकता था। यह देख सकता था कि आप कहां जा रहे हैं, क्या खा रहे और क्या कर रहे।
वहीं, दूसरी बड़ी दिक्कत यह थी कि कोई आपके फोन में एप को इंस्टॉल कर आपके कॉन्टैक्ट डिटेल्स को हासिल कर सकता था। इससे आपके साथ फाइनेंसियल फ्रॉड हो सकता था। आपके कॉन्टैक्ट डिटेल्स के लिए आपकी परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती। एंड्रॉयड 13 की इन कमियों से गूगल अवेयर नहीं था।
बग्स मिरर गूगल के प्रोडक्ट एंड्रॉयड 13 में बग ढूंढने के मामले में टॉप बग फाइंडर है। वहीं, कंपनी के टेक्निकल टीम से सवाल किया गया है कि इसके बदले में गूगल ने आप लोगों को क्या दिया। उन्होंने बताया कि इसके लिए गूगल की तरफ से करोड़ों का इनाम मिला है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि कुल कितनी राशि मिली है।
दरअसल, बग्स मिरर इंदौर बेस्ड एक कंपनी है। जिसकी स्थापना भोपाल मैनिट के छात्र अमन पांडेय ने की थी। यह कंपनी गूगल और एप्पल जैसी कंपनियों के प्रोडक्ट में बग ढूंढने का काम करती है। एंड्रॉयड 13 की कमियों की ढूंढने वाली टीम का नेतृत्व अमन ही कर रहे थे। इससे पहले भी अमन की कंपनी को एंड्रॉयड वल्नरेबिलिटी रिवॉर्ड प्रोग्राम (वीआरपी) के तहत करोड़ों का इनाम मिला है। बग्स मिरर गूगल और एप्पल जैसी कंपनियों की सिक्योरिटी सिस्टम को और मजबूत करती है।
अमन पांडे की कर्मस्थली इंदौर है। वह मूल रूप से झारखंड के रहने वाले हैं। शुरुआती पढ़ाई लिखाई पतरातू स्थित डीएवी स्कूल से हुई है। बोकारो स्थित चिन्मया स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की है। इसके बाद भोपाल एनआईटी से अमन पांडेय ने बीटेक की किया है। बीटेक करने के बाद अमन एंड्रॉयड और आईओएस सिक्योरिटी पर काम कर रहे हैं।