पूरे देश में स्वच्छता (Sanitation) में झंडे गाडऩे के बाद अब इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation) देश का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां सीवरेज (Sewerage) का ट्रीट (Treat) किया हुआ पानी (Water) किसानों (Farmers) से लेकर उद्योगपतियों को बेचा जाएगा। इसके लिए बड़े पैमाने पर लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है।
अब तक नागपुर (Nagpur) और सूरत (Surat) में ऐसी व्यवस्था है, लेकिन वहां किसानों को पानी नहीं देते हुए फैक्ट्रियों (Factories) में ऐसा पानी सप्लाय (Water Supply) किया जाता रहा है। बीते कुछ सालों में निगम ने 300 करोड़ के 11 एसटीपी बना डाले हैं और 12वें का काम सिरपुर तालाब पर चल रहा है।
सबसे पहले एसटीपी (STP) (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का काम कबीटखेड़ी (Kabitkhedi) में शुरू हुआ था और उसके बाद फिर शहर के अलग-अलग इलाकों में तेजी से एसटीपी बनाने के काम शुरू हुए थे। 11 एसटीपी सीपी शेखर नगर, दयानंद नगर, सांवेर रोड, आजाद नगर, पलासिया सहित कई अन्य स्थानों पर बनाए गए हैं। शहरभर में इसके लिए केंद्र सरकार के अलग-अलग प्रोजेक्टों से भी नगर निगम को खासी मदद मिली, जिसके चलते यह काम तेजी से हो पाया। निगमायुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर अधिकारियों ने कई और स्थान आने वाले दिनों मेंं नए एसटीपी बनाने के लिए ढूंढने शुरू कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर 12वें एसटीपी का काम सिरपुर तालाब क्षेत्र में तेजी से चल रहा है, जिसके नवंबर-दिसम्बर तक पूरा होने की उम्मीद है।
अफसरों के मुताबिक एसटीपी का पानी लेने के लिए शालीमार टाउनशिप सहित देवास नाका और लसूडिय़ा क्षेत्र की कई टाउनशिपों के अलावा राऊ क्षेत्र की टाउनशिपों ने भी एसटीपी का पानी लेने के लिए आवेदन किए हैं और उसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी मांगी है।
अफसरों के मुताबिक मेघदूत उपवन सहित अन्य स्थानों पर बनाए गए हाइड्रेंट से कोई भी व्यक्ति टैंकरों में पानी भरकर नि:शुल्क ले जा सकता है। इसकी जानकारी तमाम लोगों को दी जा रही है, ताकि वे इसका लाभ ले सकें। कई सर्विस सेंटरों को भी इसके लिए निगम ने अपनी ओर से जानकारी भेजी है।