इंदौर. अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों को तीन माह से वेतन भुगतान नहीं किया गया है. इसके चलते शिक्षकों ने शिक्षक दिवस का विरोध जताते हुए हाथ में काली पट्टी बांधकर शैक्षणिक कार्य करने और शिक्षक दिवस का विरोध करने का निर्णय लिया है.
अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष बीएस यादव ने पत्रकार वार्ता में बताया कि अनुदान प्राप्त शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल रहा है. इसके लिए शिक्षक संगठन ने जबलपुर और इंदौर में अदालत में याचिका दायर की है. मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सहित आला अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया.
इससे गुस्साए अफसरों ने अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थानों को वर्ष 1981 से अब तक वसूली गई फीस का हिसाब मांगा है. हिसाब न देने वाली शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं. शासन के इस विसंगतिपूर्ण आदेश से अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है. इससे शिक्षक परिवार परेशानियों से घिर गए हैं.
यादव ने बताया कि शासन के इस मनमाने निर्देश के खिलाफ अनुदान प्राप्त शिक्षक विरोध जताने के लिए शिक्षक दिवस का बहिष्कार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि शिक्षक दिवस पर काली पट्टी बांधकर शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं और किसी भी तरह का सम्मान नहीं लेंगे. यादव ने बताया कि वेतन न मिलने से कई शिक्षकों के परिवार में तंगहाली हो गई है. शासन को जानकारी देने के बाद वेतन भुगतान के लिए पत्र भी लिखे, लेकिन आला अफसर इसकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं. इससे शिक्षकों के समक्ष भूखों मरने की नौबत आ गई है.