एप डाउनलोड करें

Indore News : सतीश पंवार उर्फ सतीश भाउ को कोर्ट से मिली जमानत

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Sat, 08 Jun 2024 07:48 PM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

  •  पत्रकार अंकुर जायसवाल से मारपीट का मामला 

  •  सतीश पंवार को झूठा फंसाने का दिया था तर्क

इंदौर.

इंदौर में पत्रकार अंकुर जायसवाल पर हमले के मामले में कथित आरोपी सतीश पंवार उर्फ सतीश भाउ को कोर्ट ने तर्को से सहमत होकर जमानत दी है। सतीश पंवार की तरफ से पैरवी करने वाले अधिवक्ता योगेश हेमनानी ने कोर्ट में जमानती आवेदन लगाया था, जिसमें सतीश पंवार को झूठा फंसाने का तर्क दिया गया था। इसी पर कोर्ट में बहस हुई और सतीश भाउ को जमानत मिल गई। 

दरअसल एमआर-10 गार्डन में कार्यक्रम के दौरान खबरें छापने के झगड़े में पत्रकार अंकुर जायसवाल निवासी बजरंग नगर पर जानलेवा हमला हुआ था। बणगंगा पुलिस ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। हमले का मुख्य मुलजिम अर्पित उर्फ शिब्बू कमल जादौन निवासी स्कीम नंबर 78 ने सतीश भाऊ, गब्बर चिकना, अमित जादौन और आशीष जादौन के साथ मिलकर पत्रकार अंकुर जायसवाल पर एक समारोह में हमला किया था।

पुलिस ने इन सभी आरोपियों पर जानलेवा हमले की गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था। पुलिस ने घटना के तीन दिन बाद ही कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन सतीश भाऊ तभी से फरार चल रहा था। बाणगंगा थाना प्रभारी लोकेश भदौरिया के अनुसार सतीश भाऊ को पुलिस ने बाईपास से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था जहां से उसे जेल भेज दिया था।

पुलिस ने सतीश भाऊ पर धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज किया था, जिस पर कोर्ट में बहस हुई। इसमें सतीश भाऊ के अधिवक्ता योगेश हेमनानी ने अपत्ति ली और कोर्ट में तर्क रखा कि अंकुर जायसवाल को सामान्य चोंटे आई थी, जिस पर धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता है।

307 धारा केवल प्राणघातक मारपीट में लगाई जा सकती है, जबकि मेडिकल में प्राणघातक मारपीट जैसी कोई पुष्टि नहीं हुई थी, इसलिये धारा 307 गलत लगाई गई थी। इन्ही तमाम तर्को और बहस से सहमत होकर कोर्ट ने सतीश भाउ को जमानत दे दी।

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next