इंदौर.
इंदौर नगर निगम के जोन क्रमांक 19 में स्थित 7 ट्रिलियन होटल को धवस्थ करने संबंधी आदेश भवन अधिकारी द्वारा पारित किया गया था। उक्त आदेश अनुसार होटल को दिनांक 16.11.2024 को तोडा जाना था. भवन स्वामी श्री सुजीत गावड़े द्वारा कल रात्रि माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर की शरण लेकर याचिका दायर की गई. उक्त याचिका की गंभीरता को देखते हुए माननीय मुख्य न्यायाधीश द्वारा विशेष पीठ का गठन किया गया एवं उक्त याचिका की सुनवाई दिनांक 16.11.2024 को राखी गयी.
माननीय जस्टिस प्रणय वर्मा द्वारा दिनांक 16.11.2024 को उक्त याचिका की सुनवाई की गयी, क्योंकि निगम बायपास स्थित 7 ट्रिलियन कैफे पर शनिवार को ही कार्रवाई करने जा रहा था. इस सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सुजीत गवड़े की ओर से अधिवक्ता जयेश गुरनानी ने पैरवी की. अधिवक्ता ने साफ कहा कि निगम की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की बुलडोजर कार्रवाई के लिए जारी गाइडलाइन का साफ उल्लंघन है.
अधिवक्ता जयेश गुरनानी ने तर्क रखे कि कार्रवाई को लेकर 15 दिन का नोटिस, संबंधित को सुनने और स्पीकिंग आर्डर पास करने संबंधी निर्देश है. हालांकि निगम ने इसमें से किसी का पालन नहीं किया. कंपाउंडिंग का भी आवेदन निगम के पास लंबित है, जिस पर कोई फैसला नहीं किया गया है. निगम की ओर से अधिवक्ता लक्की जैन ने तर्क रखा और कहा कि यह निर्माण बिना मंजूरी के हुआ है. वहीं सभी पक्षों को सुनने के बाद फिलहाल कार्रवाई पर स्टे कर दिया गया है और अगली सुनवाई मंगलवार को रखते हुए पक्षकारों से जवाब मांगा गया है.