इंदौर. शहरी सीमा में ट्रैफिक को सुगम बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन, निगम, पुलिस और आरटीओ द्वारा शुरू की गई अवैध निजी बस स्टैंड के खिलाफ कार्रवाई के शनिवार को तीन दिन पूरे हो गए। कार्रवाई के बाद संचालकों ने लिखकर दिया था कि हम स्टैंड शहर से बाहर शिफ्ट कर लेंगे।
बस संचालकों के कोर्ट जाने की संभावना के बीच कलेक्टर आशीष सिंह के आदेश पर प्रशासन ने कैविएट भी लगा दी है। एसडीएम घनश्याम धनगर ने बताया कि मामला कोर्ट में गया तो पहले प्रशासन का भी पक्ष सुना जाए, इसी के चलते कैविएट लगाई है।
प्रशासन ने पिछले दिनाें शहर के बीच से बसें संचालित करने वाले 7 ट्रेवल्स एंजेसियों के ऑफिस को सील किया था और 6 बसें जब्त की थीं। धनगर ने बताया कि उक्त ट्रेवल एंजेसियों के संचालकों को डेढ़ महीने पहले ही निर्देश दिए थे कि वे अपनी बसों का संचालन शहर के बाहर से करना शुरू करें।
उन्हें यह व्यवस्था करने के लिए इतना समय भी दिया गया था। यह समय भी पूरा हो गया। इसके बावजूद उनके द्वारा शहर से ही बसों का संचालन किया जा रहा था। शहर में बसों के संचालन से यातायात लगातार बाधित होता था। दिन में कई बार यातायात जाम भी रहता था, जिससे वाहन चालकों को परेशानी होती थी।
पूर्वी रिंग रोड पर भी इन्हीं बस संचालकों के कारण सबसे ज्यादा ट्रैफिक की परेशानी होती है। खासकर पीपल्याहाना से मूसाखेड़ी, तीन इमली तक ऐसे कई बस संचालकों ने अपने निजी स्टैंड बना रखे हैं। इसमें हंस ट्रेवल्स सहित कई संचालक शामिल हैं। इनसे सबसे ज्यादा परेशानी पूर्वी रिंग रोड की सर्विस रोड पर है।
हालांकि शहर में अन्नपूर्णा रोड, विजय नगर क्षेत्र में भी कई बसें अब भी सड़क पर खड़ी हो रही हैं।