इंदौर. इंदौर में बढ़ते कोरोना संक्रमण और कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को लेकर जिला क्राइसिस कमेटी की बैठक मंगलवार शाम हुई। जनप्रतिनिधियों के सुझाव और कलेक्टर के संकेत के बाद भी शहर में पाबंदियों के संबंधी निर्णय नहीं लिया गया। बैठक के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए होम आइसोलेशन सिस्टम डेवलप किया जाएगा। इसके तहत कोरोना पेशेंट को मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाएगी। कंट्रोल रूम से उसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर उन्हें सलाह देंगे। इसके साथ ही कोविड से निपटने के तरीकों पर मांगे गए सुझावों पर चर्चा की गई।
विजयवर्गीय ने कहा कि बैठक में निर्णय नहीं हुए हैं। इसमें प्रशासन की ओमिक्रॉन को लेकर तैयारियों की जानकारी ली है। प्रशासन से कहा गया है कि ऐसा न हो कि लोग अस्पताल भागने लगें और बेड कम पड़ जाएं, इसलिए होम आइसोलेशन, मेडिकल किट तैयार करके उनके घर तक पहुंचाना और उनकी मॉनिटरिंग करना, वीडियो से उन्हें सलाह देना ये सब बातों पर विचार किया जाए।
बैठक में शादियों में मेहमानों की संख्या घटाने, स्कूल-कॉलेज और नाइट कर्फ्यू की समय सीमा के बारे में डिसीजन नहीं लिया गया। शादियों में 200 की संख्या, शवयात्रा में 50 और उठावना पर प्रतिबंध को लेकर सुझाव आए जिसे बनाकर राज्य सरकार को बनाकर भेजा जा रहा है। तैयारियां बतौर 10148 बेड्स तैयार हैं। कोचिंग सेंटरों में स्टूडेंट्स को एक-एक दिन 50 फीसदी क्षमता के साथ बैठाने का सुझाव भी आया। धरना, जुलूस, रैली, धार्मिक कार्यक्रम, भंडारा, सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध को लेकर भी चर्चा हुई और इनकी पूर्व में मिली अनुमति भी निरस्त हो सकती है।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने जानकारी दी कि कोविड केयर सेंटरों में ढाई हजार बिस्तरों की व्यवस्था रखी गई है। पर्याप्त ऑक्सीजन सुविधा है। जरूरतमंद मरीजों के फ्री इलाज के लिए आयुष्मान योजना के तहत 41 अस्पतालों में व्यवस्था की गई है।
हाल ही में कलेक्टर मनीष सिंह ने संकेत दिए थे कि कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, इसे लेकर अधिकांश जनप्रतिनिधि भी इसके पक्षधर हैं। दूसरी ओर आर्थिक गतिविधियां भी चलती रहे और कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण भी हो, इसके चलते माना जा रहा है कि बैठक जनहित में कुछ निर्णय लेकर उन्हें अभिभत के लिए राज्य शासन को भेजा जा सकता है।
विजयवर्गीय ने कहा कि ट्रैफिक को लेकर भी चर्चा हुई है। बताया गया कि ट्रैफिक के लिए अलग से परफेक्ट सेल बनाया जाए। जैसे सिटी इंजीनियर प्लानर होता है, वैसे ही ट्रैफिक प्लानर भी हो।आने वाले 25 सालों में ट्रैफिक का प्लान होना चाहिए। हमने 2002 में बनाया था, जो अब करीब 25 वर्ष हो गए हैं। अब नया प्लान बनाना चाहिए। विजयवर्गीय ने कहा कि तीसरा मुद्दा नशा है, जो कॉलेज तक पहुंच गया। युवा पीढ़ी भटके नहीं, इसके लिए प्रशासन जागृत होकर काम करें। इंदौर नशा फ्री होना चाहिए।