इंदौर. बीआरटीएस कॉरिडोर के नौलखा से एलआईजी चौराहे तक के बॉटलनेक हिस्से पर बनाए जा रहे एलिवेटेड कॉरिडोर ट्रैफिक सर्वे में फंसता नजर आ रहा है। सरकार के निर्देश पर प्रशासन द्वारा किए गए ताजा सर्वे में खुलासा हुआ है कि एलआईजी, एमआर-9 से नौलखा भंवरकुआं की ओर 15.4 फीसदी वाहन ही सीधे जाते हैं। वहीं भंवरकुआं से एलआईजी की ओर आने वाले मात्र 4.9 फीसदी हैं। पूर्व में जो सर्वे किया गया था वह यह मानकर किया गया था कि 40 फीसदी ट्रैफिक इस पर से जाएगा।
सर्वे के अनुसार बीआरटीएस पर पीक समय में प्रति घंटे 2.4 लाख वाहन गुजरते हैं। यह ट्रैफिक भंवरकुआं, नौलखा से एलआईजी या इससे विपरीत दिशा में सीधा नहीं आ रहा है। 60 से 70 फीसदी वाहन बॉटलनेक के चौराहों और क्राॅस सड़कों से आवाजाही करते हैं।
यह सर्वे ट्रैफिक कंसल्टेंट समूह ने सुबह 7 से 11 व शाम 5 से 9 बजे के बीच प्रति घंटे गुजर रहे वाहनों के आधार पर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बीआरटीएस पर सीधे आवाजाही वाले वाहन चालक बहुत कम संख्या में हैं।
निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी ने तीन स्थानों पर कट दिए हैं। इससे जाम बढ़ेगा क्योंकि टू लेन ब्रिज बनाने के बाद सर्विस रोड पर वाहन फंसेंगे। दूसरा ऊपर जाने के लिए लंबा घूम कर आना होगा। जैसे भंवरकुआं से एलआईजी की ओर सिर्फ गीताभवन पर ही कट है। यदि वाहन चालक को शिवाजी वाटिका उतरना है तो उसे मधुमिलन चौराहा घूम कर आना होगा। वहीं एलआईजी से गीताभवन की ओर आने वाले वाहन चालक को गीताभवन चौराहा आने के लिए कृषि कॉलेज चौराहा घूम कर आना होगा।
एलिवेटेड ब्रिज के लिए किया गया फिजिबिलिटी सर्वे पुराना हो गया था। वर्तमान स्थिति को देखते हुए सर्वे कराया गया है। इसके परिणामों का अध्ययन कर रहे हैं। इसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा।