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महाराष्ट्र में सियासी खेला! कांग्रेस के बड़े नेता का दावा, शिंदे गुट के आधे विधायक उद्धव के संपर्क में

महाराष्ट्र Published by: paliwalwani Updated Sat, 06 Apr 2024 08:00 AM
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महाराष्ट्र.

लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान महाराष्ट्र में बड़ा सियासी खेला हो सकता है। इससे न सिर्फ लोकसभा बल्कि इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में भी नया मोड़ आ सकता है। दरअसल, कांग्रेस के एक बड़े नेता ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के आधे विधायक शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने यह सनसनीखेज दावा किया है। कांग्रेस नेता वडेट्टीवार ने दावा किया है कि महायुति के साथ खड़े एकनाथ शिंदे गुट के आधे विधायक उद्धव ठाकरे के संपर्क में हैं। हालांकि, कांग्रेस नेता ने न तो उन विधायकों के नाम का खुलासा किया और न ही बताया कि वह पाला बदलेंगे और विपक्षी गठबंधन में शामिल उद्धव ठाकरे का समर्थन करेंगे।

मालूम हो कि ‘महायुति’ गठबंधन में सत्तारूढ़ बीजेपी, सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और एनसीपी अजित पवार गुट शामिल हैं। जबकि महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) है। एमवीए के तीनों दल ‘इंडिया’ गठबंधन का भी हिस्सा है।

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एमवीए और महायुति में काफी उठापटक चल रही है। एक तरफ एमवीए में सांगली और भिवंडी सीट को लेकर घमासान मचा हुआ है। वहीं महायुति में नासिक, उत्तर-पश्चिम मुंबई, दक्षिण मुंबई, ठाणे, कल्याण जैसी कई सीटों पर खींचतान चल रही है।

कुछ सीटों पर बीजेपी के कड़े रुख के चलते शिंदे गुट के मौजूदा विधायकों का टिकट कट गया हैं। इसके अलावा एकनाथ शिंदे हिंगोली के उम्मीदवार का नाम भी वापस ले सकते है।

न घर के रहे न घाट के...

सत्ताधारी गठबंधन में जारी रस्साकशी को लेकर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने नागपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वडेट्टीवार ने कहा है कि बीजेपी के साथ गए एकनाथ शिंदे गुट और अजित पवार गुट की हालत खराब है। शिंदे के सांसदों को तो लोकसभा का टिकट नहीं दिया जा रहा है।

कांग्रेस विधायक वडेट्टीवार ने कहा कि उनकी स्थिति न घर के रहे न घाट के... जैसी हो गई है। अगर सांसदों को टिकट के लिए इतना संघर्ष करना पड़ रहा है तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का क्या होगा, इसलिए शिंदे के विधायकों में खासी बेचैनी है। बीजेपी के साथ जाकर शिंदे गुट और अजित पवार गुट असमंजस में पड़ गए है। बीजेपी खुद भी कई जगहों पर उम्मीदवारों का चयन करते-करते थक गई है।

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