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रूसी राष्ट्रपति भवन से बयान भी जारी : ‘भारतीय छात्रों को ढाल बना रही यूक्रेनी सेना’, पुतिन के बयान से सनसनी

देश-विदेश Published by: Paliwalwani Updated Sat, 05 Mar 2022 12:32 PM
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यूक्रेन में रूसी सेना और यूक्रेनी सेना के बीच जारी जंग में अब भी कई भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। ऐसे में रूस के राष्ट्रपति पुतिन का भारतीय छात्रों को लेकर दिये गये बयान से सनसनी फैल गई। बुधवार रात प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से बात की थी। इसी दौरान रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि यूक्रेन की सेना भारतीय स्टूडेंट्स को बंधक बना रही है और उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है।

रूसी राष्ट्रपति भवन से बयान भी जारी

व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को बताया कि भारतीय छात्रों को वॉर जोन से सुरक्षित निकालकर उन्हें भारत भेजने के लिए सभी जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं। रूसी सेना इस दिशा में हरसंभव कोशिश कर रही है. भारतीय छात्रों के फौरन रेस्क्यू के लिए रूसी सेना खारकीव से रूस तक एक सुरक्षित कॉरिडोर बनाने पर भी काम कर रही है।

रूसी राष्ट्रपति भवन की ओर से इस संबंध में एक बयान भी जारि किया गया। रूसी राष्ट्रपति भवन के तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यूक्रेन की सेना भारतीय स्टूडेंट्स को बंधक बना रही है और उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है। भारतीय छात्रों को रूस की धरती पर जाने से रोका जा रहा है।

भारत की प्रतिक्रिया

ऐसे में यूक्रेन द्वारा भारतीय छात्रों को बंधक बनाये जाने के आरोप पर विदेश मंत्रालय ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय छात्रों को बंधक बनाये जाने जैसे हालात के बारे में कोई खबर नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन में हमारा दूतावास वहां फंसे हुये प्रवासी भारतीयों से संपर्क में है। हमारे दूतावास ने यूक्रेन के प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क बना रखा है।

कई भारतीयों ने बुधवार को ही खारकीव छोड़ दिया था। हमारे पास अभी तक किसी भी भारतीय छात्र को बंधक बनाये जाने की खबर नहीं आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारतीय छात्रों को बाहर निकलने में मदद करने के लिये यूक्रेनी अधिकारियों से विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है।

यूक्रेन ने रूस के आरोप को खारिज किया

वहीं रूस के इन आरोपों को यूक्रेन ने खारिज किया है। ट्विटर पर यूक्रेन ने विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, हम भारत, पाकिस्तान, चीन और दूसरे देशों की सरकारों से अपील करते हैं कि वो मॉस्को से मांग करें कि उनके छात्रों को यूक्रेन के दूसरे शहरों में जाने के लिए सुरक्षित कॉरिडोर की इजाजत दी जाए। ये छात्र खारकिव और सुमी में रूसी आक्रमण की वजह से बंधक बने हुए हैं।

अमेरिका ने भी दी प्रतिक्रिया

यूक्रेन द्वारा भारतीयों को बंधक बनाकर ढाल के रूप में इस्तेमाल किए जाने के रूस सरकार के बयान पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि, हमने नागरिकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने जैसी कोई रिपोर्ट नहीं देखी है।

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