श्रीलंका. श्रीलंका में सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. समाचार एजेंसी एएफपी ने डिफेंस फोर्सेज के हवाले से बताया, गुस्साए लोगों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को चारों तरफ से घेर लिया था. जबकि बहुत से प्रदर्शनकारी सरकारी आवास के भीतर तक आ गए हैं. जिसके बाद वह कथित तौर पर देश छोड़कर भाग गए हैं. श्रीलंकन मीडिया का कहना है कि देश में कभी भी मार्शल लॉ लगाया जा सकता है. वहीं श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्थिति पर चर्चा करने और त्वरित समाधान के लिए पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है. वह स्पीकर से संसद को बुलाने का भी अनुरोध कर रहे हैं. वहीं पुलिस के साथ झड़प में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.
इससे पहले खबर आई थी कि श्रीलंका में शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद पुलिस ने शनिवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों से पहले कर्फ्यू हटा लिया है. यह कर्फ्यू सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए कोलंबो सहित देश के पश्चिमी प्रांत में सात संभागों में लगाया गया था. पुलिस के मुताबिक पश्चिमी प्रांत में सात पुलिस संभागों में कर्फ्यू लगाया गया था
जिसमें नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, उत्तरी कोलंबो, दक्षिण कोलंबो और कोलंबो सेंट्रल शामिल हैं. यह कर्फ्यू शुक्रवार रात नौ बजे से अगली सूचना तक लागू किया गया था. पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सी डी विक्रमरत्ने ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा, जिन क्षेत्रों में पुलिस कर्फ्यू लागू किया गया है, वहां रहने वाले लोगों को अपने घरों में ही रहना चाहिए और कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.