एप डाउनलोड करें

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत और चीन के बीच लिपुलेख से व्यापार फिर शुरू करने पर हुई सहमति पर आपत्ति जताई

देश-विदेश Published by: paliwalwani Updated Mon, 01 Sep 2025 12:01 AM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

नेपाल. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली शनिवार को तियानजिन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाक़ात की. ओली, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन पहुंचे हैं.

इसके बाद नेपाल के विदेश मंत्रालय की तरफ़ से जारी एक प्रेस रिलीज़ में बताया गया है कि बैठक के दौरान ओली ने भारत और चीन के बीच हाल ही में लिपुलेख से व्यापार फिर शुरू करने पर हुई सहमति पर आपत्ति जताई.

बयान में लिखा गया है, "भारत और चीन के बीच लिपुलेख दर्रे से व्यापार पर हुई हालिया सहमति का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री (केपी शर्मा ओली) ने कहा कि यह इलाक़ा नेपाल का है और नेपाल सरकार इस पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराती है.

इससे पहले, भारत और चीन के बीच लिपुलेख के रास्ते व्यापार फिर शुरू करने पर सहमति बनने के एक दिन बाद, 20 अगस्त को नेपाल ने कहा था कि यह इलाक़ा उसका अभिन्न हिस्सा है और यह उसके आधिकारिक नक्शे में शामिल है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कहा था कि ये दावे "अनुचित हैं और ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं हैं." नेपाल के विदेश मंत्रालय का कहना है, "नेपाल सरकार स्पष्ट करना चाहती है कि महाकाली नदी के पूर्व में स्थित लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी नेपाल के अभिन्न हिस्से हैं. इन्हें नेपाल के नक्शे में आधिकारिक रूप से शामिल किया गया है और यह बात संविधान में भी दर्ज है."

भारत हमेशा कहता आया है कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा उसके क्षेत्र में आते हैं. लेकिन नेपाल में यह एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है. साल 2020 में इसी मसले पर नेपाल में हिंसक प्रदर्शन हुए थे.

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next