रूस के हमले के खिलाफ लड़ रहे यूक्रेन को नाटो की तरफ से मिल रही मदद से रूस भड़क गया है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आज अमेरिका और नाटो देशों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई नहीं रोकी गई तो उनकी तरफ से भेजी जा रही हथियारों की खेप पर हमला किया जाएगा।
रूस अगर ये हमला यूक्रेन के सीमा के बाहर करता है तो यह अमेरिका के लिए काफी टेंशन बढ़ाने वाली स्थिति हो सकती है, क्योंकि अमेरिका ने कहा है कि वह तीसरे विश्व युद्ध में नहीं पड़ना चाहता, लेकिन साथ ही नाटो के समझौते में यह प्रावधान भी है कि अगर नाटो के किसी भी सदस्य देश पर हमला होता है तो वह सभी नाटो सदस्यों पर हमला माना जाएगा।
रूस की चेतावनी
रूस और यूक्रेन में लगातार 20वें दिन भी युद्ध जारी है। रूसी सेनाओं ने यूक्रेन की राजधानी कीव की घेराबंदी को और ज्यादा कड़ा कर दिया है। तीन दिशाओं से रूसी फौज कीव की तरफ तेजी से आगे बढ़ रही है। इस बीच रूस ने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि यूक्रेन को दिए जा रहे हथियारों की खेप को टारगेट के रूप में देखा जाएगा। इसका मतलब यह है कि रूस अब अमेरिका और नाटो देशों से आ रहे हथियारों के खेप पर हमला कर सकता है। जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि रूस के ऐसे किसी भी ऐक्शन से संघर्ष और ज्यादा भड़क सकता है।
रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने अमेरिका को चेतावनी दी कि कई देश यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई कर रहे हैं। यह सिर्फ एक खतरनाक कदम नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी कार्रवाई है जो उन काफिले को वैध लक्ष्य बनाती है। आपको बता दें कि इसके पहले बाइडेन ने व्यक्तिगत रूप से पोलैंड के मिग विमानों की शिपमेंट रोकने के लिए हस्तक्षेप किया था। उन्हें डर था कि यूक्रेन को दिए जा रहे लड़ाकू विमान तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकते हैं।
पश्चिमी देशों पर भड़के यूक्रेनी राष्ट्रपति
उधर, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से काफी खफा हैं। उन्होंने कहा कि मैंने सहयोगी देशों से भागीदारी के लिए अनुरोध किया था। उनसे अधिक से अधिक एंटी मिसाइल सिस्टम के लिए पैसे देने का ऑफर भी दिया था। लेकिन, इसके जवाब में यूक्रेन की सरकार की मदद के लिए राजनयिक कदम उठाने के हल्के-फुल्के वादे ही किए गए। जेलेंस्की ने दावा किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक 1,300 यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं और 500 रूसियों ने कल आत्मसमर्पण किया था।